आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के तहत गुरुवार को समारोह का दूसरा चरण शुरू होगा। दूसरा चरण 30 जनवरी से पांच फरवरी तक आयोजित होगा।
आचार्यश्री महाश्रमणजी ने कहा कि आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी का दूसरा चरण प्रारंभ हो गया है। प्रथम चरण लाडनूं में हुआ तथा बीदासर में चरण नहीं लेकिन शताब्दी वर्ष का महाचरण मनाया गया। जो शताब्दी वर्ष का लक्ष्य है महाव्रती बनाने का क्रम वो बीदासर में हुआ। महाश्रमणजी ने आठ दिवसीय तुलसी जन्म शताब्दी कार्यक्रम हेतु मुनिश्री कुमारश्रमण जी तथा मुनिश्री जयकुमार जी को दिशा-निर्देश दिए।
इससे मंत्री मुनि सुमेरमल
स्वामी ने कहा कि जब तक तुम पदार्थमुखी रहोगे, धर्म करते जाओगे तो भी भीतर
अनुभूति नहीं होगी। पदार्थ की भावना गौण करोगे तब धर्म करने का लाभ मिलेगा।
शुद्धि होते हुए भी हमारी बुद्धि सुख की अनुभूति नहीं कर पाती।
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