ग्रैमीएवार्ड विजेता , पद्म श्री और राजस्थान रत्न पंडित विश्व मोहन भट्ट ने किये साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभाजी के दर्शन !
नैतिकता का शक्तिपीठ झंकृत था और वातावरण में गूंज रही थी मोहन वीणा। चंद्रोदय के बाद शांत प्रांगण में चंद्र किरणों से नहाए वृक्षों पर अपने नीड़ में विश्राम कर रहे पक्षी एकबारगी तो कौतूहल से चहके, फिर पंख फडफड़़ा कर आनंद की अनुभूति का इजहार किया। प्रकृति झूम उठी। पं विश्वमोहन भट्ट के मोहन वीणा वादन का रसास्वादन करने वाले सुधि श्रोता शास्त्रीय धुनों को अपने में उतरता अनुभूत कर रहे थे।

संगीत रसिकों को यह अवसर उपलब्ध हुआ आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान की ओर से । के सान्निध्य में राग पं विश्वमोहन भट्ट ने स्वयं द्वारा गिटार एवं वीणा से निर्मित मोहन वीणा की धुनों से फिज़ां को संगीतमयी बनाया। उन्होंने राग विश्व मोहिनी की प्रस्तुति दी। आलाप, जोड़ और झाला से तरंगित संगीत धारा ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। देर रात तक सजी महफिल के अंत में पं भट्ट ने राग देस में वंदे मातरम् की प्रस्तुति से यादगार बनाया। प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष अजय चौपड़ा ने पं भट्ट के अभिनंदन में उनकी उपलब्धियों को रेखांकित किया। बीकानेर की कला-संस्कृति के बारे में भी बताया व आभार ज्ञापित किया।
राग में जाग कार्यक्रम में पं विश्वमोहन भट्ट की प्रस्तुति
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