विकारों का त्याग धर्म का सच्चा मार्ग : साध्वीप्रमुखाश्री
Monday, April 21, 2014
किराड़ाबडा गांव 20 अप्रेल 2014 जैतस. दूसरे के दोषों
की अनदेखी कर खुद को स्वयं के मन से देखकर विकारों का त्याग ही धर्म का
सच्चा मार्ग है। इस मार्ग पर चलकर मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
ये शब्द साध्वीप्रमुखा श्री कनक प्रभा जी ने किराड़ाबडा गांव की नाहटा
हवेली में अपने प्रवास के दौरान प्रवचन करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि वे
ग्रामवासियों का अभिनंदन तभी स्वीकार करेंगी जब ग्रामीण अपने विकारों का
त्याग कर जीवन को सामाजिक व पारिवारिक सौहाद्र्र बनाने में लगाएंगे। इससे
पूर्व जैन तेरापंथ धर्म संघ की साध्वीप्रमुखा श्री कनक प्रभाजी के
किराड़ाबडा में पहुंचने पर ग्रामीणों व नाहटा समाज के लोगों द्वारा नाहटा
हवेली में स्वागत किया गया। मंच संचालन साध्वी श्री स्वस्तिक प्रभा जी ने
किया। मौके पर वीरेंद्र नाहटा, देवा नाहटा, अशोक नाहटा, इंद्रा नाहटा,
प्रेम नाहटा आदि मौजूद थे। साध्वीप्रमुखा श्री कनक प्रभाजी 22 अप्रैल को विहार करते हुए भादरा पहुंचेगी। राजेंद्र पारख ने
बताया कि 22 अप्रैल को साध्वी कनक प्रभा के भादरा आगमन पर साहवा रोड पर नहर
पुलिया के पास अभिनंदन किया जाएगा। इसके बाद साध्वीप्रमुखा श्री कनक
प्रभाजी शोभा यात्रा के साथ कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए भवन
पहुंचेंगी। 22 व 23 अप्रैल को सुबह साढ़े नौ बजे व शाम साढ़े सात बजे
नियमति प्रवचन आयोजित है !
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