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बंगाल स्तरीय जैन संस्कार कार्यशाला आयोजित


कोलकाता। ८ जून २०१४. अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वाधान में तेरापंथ युवक परिषद कोलकाता द्वारा साध्वीश्री अणिमाश्रीजी एवं साध्वीश्री मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में आयोजित बंगाल स्तरीय जैन संस्कार विधि कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ भवन में किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री विमल कटारिया ( कोषाध्यक्ष अभातेयुप ) मुख्य अतिथि श्री विनोद आंचलिया ( युवा उधोगपति ) विशिष्ट अतिथि श्री रतन दुगड़ ( परामर्शक अभातेयुप ) श्री तुलसी दुगड़ ( पंचमंडल अभातेयुप ) मुख्यवक्ता श्री प्रफुल्ला बेताला ( पूर्व महामंत्री अभातेयुप एवं तेयुप कोलकाता शाखा प्रभारी ) उपस्तिथ थे . तेरापंथ भवन के खचाखच भरे प्रवचन हाल में तेयुप कोलकाता के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्तिथ थे। कोलकाता महानगर की विभिन संघीय संस्थाओं के पदाधिकारी गण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्तिथ थे । उपासक वर्ग एवं संस्कारक भी काफी संख्या में उपस्तिथ थे।

तेयुप कोलकाता के साथियों द्वारा मंगलाचरण एवं विजय गीत से प्रारम्भ हुए कार्यक्रम का विधिवत उद्धघाट्न अभातेयुप पंचमंडल श्री तुलसी जी दुगड़ ने किया । उसके पश्चात तेयुप कोलकाता अध्यक्ष श्री पारस बांठिया ने अपने स्वागत वक्तव्य ने सभी आये हुए अतिथियों एवं श्रावक समाज का अभिनन्दन किया। केंद्रीय संयोजक श्री बसंत पटवारी , कार्यक्रम अध्यक्ष श्री विमल कटारिया एवं मुख्य अतिथि श्री विनोद आंचलिया ने अपने विचार रखे मुख्य वक्त श्री प्रफुल्ला बेताला ने आचार्य तुलसी के महान अवदान - जैन संस्कार विधि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।इस अवसर पर तेयुप कोलकाता सदस्य निर्देशिका २०१४ का लोकार्पण विशिष्ट अतिथियों द्वारा किया गया । निर्देशिका की प्रथम प्रति साध्वीश्री जी को भेंट की गयी । सभी उपस्तिथ जनमेदनी ने ओम अर्हम की ध्वनि से अपनी हर्ष अभिव्यक्ति दी। इसके पश्चात तेयुप कोलकाता की वेबसाइट पर उपलब्ध आचार्य तुलसी जनम शताब्दी वर्ष में साधिश्री के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम एवं तपस्या का विवरण बड़ी स्क्रीन पर प्रस्तुत किया गया। इस कार्यशाला में तेरापंथ युवक परिषद द्वारा निर्मित जैन संस्कार विधि के प्रायोगिक प्रारूप को जन जन तक पहुँचाने हेतु निर्मित cd का लोकार्पण प्रायोजक श्री विनोद आंचलिया द्वारा किया गया एवं बड़े परदे पर उसका चित्रण भी किया गया । सम्पूर्ण भारत में यह सर्वप्रथम ऐसा उपक्रम हुआ है । १४ मिनट की इस cd में जैन संस्कार विधि द्वारा दीपावली पूजन , विवाह , गृहप्रवेश एवं नामकरण को ऑडियो विसुअलके माध्यम से दिखाया गया है । कार्यक्रम के पश्चात उपस्तिथ श्रावक समाज को यह cd वितरित की गयी। उपस्तिथ श्रावक समाज ने ओम अर्हम की जोरदार ध्वनि के साथ इसका स्वागत किया एवं इस पहल को बहुत ही उपयोगी बताया। साध्वी श्री सुधा प्रज्ञाजी तत्पश्चात साध्वीश्री मंगलप्रज्ञा जी एवं उसके पश्चात साध्वी श्री अणिमाश्रीजी ने श्रावक समाज को सम्बोधित करते हुए आचार्य तुलसी जनम शताब्दी वर्ष में जैन संस्कार विधि की आवश्यकता एवं उसको स्वीकारा करने के बारे में विस्तृत रूप से बताया। साध्वी श्री जी ने सम्पूर्ण समाज को जितना हो सके इस विधि को घर घर में अपनाने की प्रेरणा दी। कुछ संकलप भी श्रावक समाज को करवाये । प्रथम सत्र का संचालन तेयुप कोलकाता उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र चोरडिया द्वारा किया गया । द्वितीय सत्र का प्रारम्भ तेयुप कोलकाता की इस वर्ष की गतिविधियों को बड़े परदे पर दिखने के साथ हुआ । उसके पश्चात कैसे बने संस्कारक विषय पर श्री सुरेन्द्र सेठिया ने विस्तार पूर्वक बताया । श्री सेठिया जो स्वयं भी संस्कारक हैं ने बताया कि जन-जन तक इस विधि को पहुँचाने हेतु सबसे जरूरी है ज्यादा से ज्यादा संस्कारक बनाने की जो हर मांगलिक अवसर पर श्रावकों को इस विधि से आयोजन करवा सकें । कार्यशाला की सफलता पूर्वक निष्पत्ति यह रही कि उसी समय १७ नए संस्कारक हेतु आवेदन तेयुप कोलकाता को प्राप्त हुए ।मुख्य वक्त श्री प्रफुल्ला बेताला ने जैन संस्कार - कल आज और कल विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला । इस अवसर पर अभातेयुप की विभिन गतिविधयों के बारे में श्री विमल कटारिया , श्री अमित पारख श्री सुनील दुगड़ ने बताया अभातेयुप की और से श्री बसनत पटवारी एवम तेयुप कोलकाता की और से मंत्री श्री विकाश चोरडिया ने साध्वी वृन्द के प्रति कृतज्ञता एवं अथितियों ,श्रावक समाज के प्रति आभार ज्ञापित किया । इस सत्र का संचालन तेयुप कोलकाता के सहमंत्री श्री शैलेन्द्र बोरड़ ने किया । कार्यक्रम के पश्चात आये हुए सभी संस्कारकों, उपासकों को युवादृष्टि विशेषांक " अर्पण " भेंट की गयी । इस कार्यशाला के संयोजक श्री राकेश संचेती , श्री धर्मेन्द्र बच्छावत , श्री मनोज कोचर , श्री अजय आनंद पुगलिया थे।

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