Top Ads

अहंकार विसर्जन है बड़ी तपस्या : आचार्य महाश्रमण


आचार्य श्री महाश्रमण जी ने अध्यात्म साधना केन्द्र के वर्धमान सभागार में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अहंकार व्यक्ति की चेतना को आवृत्त करता है। अहंकार आनन्द और मुक्ति का बाधक तत्व है। यह व्यक्ति केा पतन के गर्त में डाल देता हैं। इसलिए मनुष्य को अहंकार से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
सुप्रसिद्व जैन आगम ‘गाथा’ पर प्रेरक प्रवचन देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि व्यक्ति को, विद्वता, का सत्ता, का ज्ञान, का किसी का भी अहंकार नहीं करना चाहिए। यहां तक की तपस्वी अपनी तपस्या को भी गुप्त रखे ज्यादा प्रचारित न करें। वास्तव में अहंकार विसर्जन भी बहुत बडी तपस्या है।
आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में इस चातुर्मास में तुलसी यशो विलास’‘का वाचन करते हुए आचार्य श्री ने सबको शालीनता एवं विनम्रता का भाव पुष्ट रखने की प्रेरणा भी दी।
मुनिश्री दिनेश कुमार जी का सामयिक वक्तव्य हुआ।