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आचाय्र श्री महाश्रमण का दिल्ली चातुर्मासिक प्रवेश


नई दिल्लीः 2.7.2014. अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश 2 जुलाई 2014 को अध्यात्मसाधना केन्द्र, छतरपुर रोड, मेहरोली नई दिल्ली में अनुशासन यात्रा के साथ हुआ। राष्ट्रसन्त आचार्य तुलसी जन्मशताब्दी पर आधारित इस भव्य जुसुस में पर्यावरण संरक्षण, कन्याभ्रूण रक्षा, महिला सशक्तिकरण, नशामुक्ति, आचार्य तुलसी जीवनवृत्त सर्वधर्म समभाव एवं आचार्य महाश्रमण अभिनन्दन विषयक झांकिया, लाइव रोड शो थे। ज्ञानशाला दिल्ली के बच्चों की झांकी अणुव्रत संकल्प यात्रा थी। हजारो-हजारों श्रद्धालुओं के पूर्णतः अनुशासित पंक्तिबद्ध भव्य जुलुस के साथ जैसे ही पूज्यप्रवर का साधना केन्द्र में मंगल प्रवेश हुआ - शंख के तुमुल नाद और आकाशवाणी के रूप में गणाधिपति तुलसी के आर्शीवाद ने शमा बांध दिया। आसमान में उड़ते श्वेत गुब्बारे गुरूदेव के शान्ति संदेश को हवाओं के साथ सर्वत्र फैला रहे थे।

महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण के मंगल महामंत्रोसार के साथ् वर्धमान सभागार में कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। पूर्व उपप्रधान मंत्री लाल कृष्ण आडवानी ने मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए तेरापंथ से अपने पच्चास वर्ष पुराने संबंधों की याद ताजा की और अपनी चििर्चत रथ यात्रा का प्रेरक आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी को बताया। आचार्य श्री महाश्रमण के पदाभिषेक समारोह में राजस्थान में पूज्यप्रवर को दिये अपने आंमत्रण को स्वीकारेक्ति पर आडवानी जी ने अनुशंसा व्यक्त करते हुए दिल्ली चातुर्मासिक मंगल प्रवेश पर हार्दिक अभिन्नवंदन-अभिंदन ने किया।

भारत सरकार के भारी उ़द्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मन्त्री अनंतगीते ने धर्मगुरूओं से राजनेताओं का सम्यक पथप्रर्दशन करने की अपील करते हुए आचार्य प्रवर का खुले दिल से स्वागत किया।

भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मन्त्री थावरचन्द गैहलोट ने आर्चायप्रवर के प्रेरक प्रवचन एवं नशामुक्ति आहवान की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए- नशामुक्ति अभियान में अपने मंत्रालय की ओर से सहभगिता एवं सहयोग का आश्वासन दिय - पूर्व केन्द्रीय मंत्री, वर्तमान राज्यसभा सांसद सत्यनारायण जटिया ने अंहिसा द्वारा शान्ति स्थापना पर पुरजोर बल दिया। प्रो0 जगदीश मुखी ने समग्र दिल्ली की ओर से आचार्य श्री का अभिनन्दन करते हुए कहा कि आज तो मैं बोलने नहीं बल्कि महान प्रवचनकार की पवित्र वाणी सुनने आया हूँ - इसी से हमें नई दिशा मिलती है।

मन्त्री मुनि श्री सुमेर मल जी स्वामी ने चार महीने के समय को पूर्ण योजनाबद्ध तरीके से सम्यक उपयोग की प्रेरणा साधुसन्तों एवं श्रावक समाज को दी। साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा जी ने संचार क्रान्ति की तीव्रता के साथ हो रहे समय, देश व युग के बदलाव को सकारात्मक दिशा देने हेतु आचार्य श्री द्वारा प्रदष्त मार्ग दर्शन से जीवन में नये मूल्यों और आदर्शों के स्वस्तिक रचाने की परीषद को प्रेरणा दी।

आचार्य श्री महाश्रमण जी ने प्रेरणा पाथेय में सर्वोत्कृष्ट मंगल धर्म को बताते हुए अहिंसा एवं संयम धर्म अपनाने की प्रेरणा दी - जिस प्रकार गायों का रंग कैसा ही हो उनका दूध सफेद ही होता - मनुष्य गोरे काले कैसे भी हो उनका रक्त लाल ही होता है वैसे ही सब धर्मों का सार अंहिसा होता है - आपने अपने मार्मिक प्रवचन कहा कि  हमें सब जीवों को अपनी आत्मा के समान समझना चाहिये यहां तक कि वनस्पति और जलकायिक जीवों को भी कष्ट नहीं पहुँचाना चाहिए। राजनीति को धर्मनीति द्वारा मार्गदर्शित करते हुए आपने कहा - सत्राधीशो में इन्द्रिय संयम होना चाहिए, राजनीति में नैतिकता होनी चाहिए। राजनीतिक नेतृत्व के तीन प्रमुख दायित्व हैं - सज्जन व्यक्तियों की सुरक्षा, दुर्जन व्यक्तियों पर निमंत्रण, आश्रित जनता का पोषण। आपने आगे कहा कि सत्ता सुख भोगने का नहीं बल्कि सेवा का उपक्रम है। आज अनेकों राजनयिक निंदा प्रशंसा से परे सहिष्णंुता से देश सेवा में सलग्न है। आडवाणी जी के 4 वर्ष पुराने आंमत्रण स्वीकारोक्ति के वचन की सम्पूर्णता पर आचार्य प्रवर ने आत्मसन्तोष व्यक्त किया। नशामुक्त तेरापंथ समाज का पुरजोर आहवान करते हुए आपने सम्पूर्ण दिल्ली वासियों को चातुमार्सिक आध्यात्मिक लाभ से जीवन उन्नत बनाने की प्रेरणा दी। पावसप्रवास 2014 में ससंध साधना केन्द्र में विराजने के लिए आपने अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास के पदाधिकारियों से स्वीकृति लेते हुए भवनों के नवनिर्माण का उल्लेख किया।

शासन मुनि श्री राकेश कुमार जी ने थ्रीडायमेंशियल गुरूदेव के व्यक्तित्व का और गुरूदेव द्वारा प्रवर सूर्य के मध्य श्रावक समाज की सघन देखभाल का यशोगान किया। अणुव्रत प्राध्यापक मुनि श्री सुखलाल जी, मुनि श्री दीप कुमार जी, साध्वी श्री वर्धमान जी ने भी अभिनन्दन के साथ अभिवंदना की।

अणुव्रत अनुशास्ता आाचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री के.एल. जैन पटवारी ने सम्पूर्ण तेरापंथ समाज की ओर से, श्री संपत नाहटा जी ने अणुव्रत न्यास की ओर से, श्री विजय चोपड़ा ने टीपीएफ की ओर से स्वागत किया। तेरापंथी सभा दिल्ली, तेरापंथी युवक परिषद, महिला कन्या मण्डल किशोर मण्डल एवं ज्ञानशाला के 100 मधुर गायक/गायिकाओं ने स्वागत गीत गाया। सारिक जैन (सी.ए.) सचिन जैन (डाक्टर) ने यूपीएसई की परीक्षा उतीर्ण करने पर एवं नन्हे बालक, पारस डागा ने स्वयं को भुभुक्षु रूप में स्वीकारने पर पूज्चवर को वंदना की।

कुशल मंच संचालक मुनि श्री दिनेश कुमार जी ने आचार्य तुलसी जन्मशताब्दी वर्ष पर पूज्यवर द्वारा संकल्पित सौ दीक्षाओं की सम्पूर्णता का भी आज शुभ संदेश दिया।

संवाद साभार: डॉ. कुसुम लुनिया
(मंत्री-आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति, दिल्ली)