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मूल्यों की पुन: स्थापना अणुव्रत के द्वारा ही संभव : साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी

दिल्ली। 26 जुलाई। 65 वें अणुव्रत अधिवेशन के दुसरे दिन के आठ्वें चरण में महाश्रमणी साध्विप्रमुखा कनकप्रभाजी और मुख्य नियोजिका साध्वीश्री विश्रुतविभा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ।संस्कृति की सुरक्षा अणुव्रत के द्वारा विषय पर व्यक्तव्य देते हुए मुख्य नियोजिकाजी ने अपने उद्धबोधन में कहा कि जिस देश में चरित्रबल ऊँचा रहता है वह देश प्रगति करता है और उस देश की संस्कृति सुरक्षित रहती है। अणुव्रत देश के लोगों के चरित्र निर्माण करने का आन्दोलन है।लघु में अगर विराटता का अनुभव करना हो तो अणुव्रत को देखें।छोटे छोटे नियमों द्वारा विराट चरित्रबल का निर्माण हो सकता है।अणुव्रत समिति के कार्यकर्ता अणुव्रत के दर्शन को समझें और अपने जीवन में उतारें।
साध्विवृन्द ने अणुव्रत पर गीतिका का संगान किया।
महाश्रमणी साध्वीप्रमुखाजी ने अपने उद्धबोधन में कहा अणुव्रत ने एक लम्बी यात्रा तय की है।कोई भी कार्य या आन्दोलन चलता है तो यह प्रशन उठता है कि उसकी प्रासंगगिकता है या नहीं। अणुव्रत के बारे में ये प्रश्न नहीं उठता है। अणुव्रत आन्दोलन के साथ कई और आन्दोलन भी देश भर में चले लेकिन उनका आज कोई अस्तित्व दिखाई नहीं देता है। अणुव्रत के नामकरण को लेकर भी विरोध हुआ लेकिन थोडी उहापोह के बाद ये नाम स्वीकृत हो गया। गुरुदेव तुलसी ने कहा कि अणुव्रत ने हमें व्यापक बनाया है।गुरुदेव जो भी व्यक्ति आते उनसे अणुव्रत की चर्चा करते।आज अणुव्रत की जड़ें काफी मजबूत हो गयी है ऐसा प्रतीत होता है। आज का विषय है संस्कृति की रक्षा अणुव्रत के द्वारा। हमारे चिंतन और हमारे व्यवहार में संस्कृति के दर्शन होते है। आज हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का चरण हो रहा है। जरुरत है उन मूल्यों को पुन: स्थापित करने की। यह केवल अनुव्रतों के द्वारा संभव है। अणुव्रत ये कहता है कि अगर आप अपनी संस्कृति की रक्षा करना चाहते है तो SMART बने।
S - SIMPLICITY लोग अपने जीवन में सादगी को अपनाएं।
M- MORLITY आपके व्यवहार में नैतिकता का विकास हो।
A- ACCOUNTABILITY हमें अपने मूल्यों के प्रतिबद्धता होनी चाहीय।
R - RESPONSIBILITY हमें अपने मूल्यों के प्रति रेस्पोंसिबल बनना पडेगा।
    गुरुदेव ने नशामुक्त दिल्ली का आह्वान किया है। दिल्ली का तेरापंथ समाज नशामुक्त बने। ये ही चिंतन पूरे तेरापंथ समाज में जाये। सबसे पहले हमारी नयी पीढ़ी को संकल्पित करें जिससे आने वाली पीढ़ी नशा मुक्त बनायें और नशा मुक्त तेरापंथ समाज की परिकल्पना साकार हो सके।
रिपोर्ट: पवन फुलफगर