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आसाम के बंगाईगाँव (दक्षिण) में उपासक श्री सुरेश जी व श्री पंकज जी ने पर्युषण आराधना करवाया ।

आचार्य श्री महाश्रमणजी की आज्ञानुसार लगभग 53 परिवार वाला श्रद्धा का क्षेत्र बंगाईगाँव (दक्षिण) के 
तेरापंथ भवन में उपासकजी श्री सुरेश जी ओस्तवाल (मुंबई) व श्री पंकज जी दुधोड़िया (कोलकाता) के निर्देशन मे पर्युषण महापर्व मे धर्माराधना का कार्यक्रम चला । 

इन आठ दिनों में क्षेत्र में धर्म की खूब अच्छी प्रभावना हुई।

दैनिक कार्यक्रम निम्नलिखित प्रकार से चला - 

5.30 से 6.30 तक ध्यान व योगासन की कक्षा 
8.45 से 10.15 तक सुबह का प्रवचन
5.50 से 6.40 तक प्रतिक्रमण 
6.45 से 7.45 तक तत्वचर्चा
7.45 से 9.30 तक अर्हत वंदना व रात्रीकालीन प्रवचन 



केंद्र द्वारा निर्देशित विषय पर दोनों उपासक जी सारगर्भित प्रवचन विभिन्न कथा व रूपक के माध्यम से देते ।

आप दोनों के प्रवचनों का सार यही था की हमें अमूल्य मानव जीवन मिला है हम व्यर्थ के राग को वैर को ना बढ़ाए । हम हृदय की गाँठो को खोल हम निर्मल बन जाए। जिससे भी बैर है उनसे खमत खमना कर लें। 

उपासक जी की विशेष प्रेरणा से प्रथम बार अच्छी संख्या में पौषध हुए, इस बार 22 लोगों ने पहली बार पौषध किया। अष्ट प्रहरी पौषध 6, छह प्रहरी पौषध 1 चतुष्प्रहरी पौषध 38 हुए।
तपस्या के क्षेत्र में ग्यारह - 1, आठ - 1, तीन - 5, दो - 3, उपवास लगभग 220 हुए। 
मौन की अठाई - 1, क्रोध ना करने की अठाई - 40, निन्दा ना करने की अठाई - 40, अब्रह्मचर्य सेवन ना करने की अठाई - 12 हुई। 

उपासक जी ने श्रावको मे धार्मिक प्रवृत्ति का अच्छा प्रभाव डाला। यहाँ के श्रावको ने विशेषकर महिलाओं ने तत्वज्ञान के बारे मे अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। यहाँ बड़ो के साथ साथ बच्चों ने भी उत्साह के साथ कार्यक्रमों में भाग लिया । कार्यक्रम में ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताओं का आयोजन क्षेत्र के विशेष मांग पर किया गया। 







प्रस्तुति : जैन तेरापंथ न्यूज़ से अमित सेठीया, मनीष नाहटा