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जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) लाडनूं का 8वाँ दीक्षांत समारोह

नई दिल्ली, जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) लाडनूं का 8वाँ दीक्षांत समारोह आचार्य श्रीमहाश्रमण के सान्निध्य एवं मानव संसाधन विकास मंत्री भारत सरकार श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी के मुख्य आतिथ्य में अध्यात्म साधना केन्द्र महरोली में सम्पन्न हुआ।


समारोह की मुख्य अतिथि मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान दौर में इंसानियत को शिक्षा की बहुत अधिक जरूरत है। उन्होंने मानवीय मूल्यों को शिक्षा के लिए जरूरी बताते हुए मूल्यों के विकास पर जोर देने का आहवान किया। स्मृति इरानी ने कहा कि आज शिक्षा तो बढ़ रही है लेकिन इंसान में करूणा एवं संवेदना कम होती जा रही है उन्होंने उपस्थिति विद्यार्थियों में बधाई देते हुए आह्वान करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में मूल्यों को प्राथमिकता दे तभी समाज व देश का भला हो सकता है। जैन विश्वभारती संस्थान को मूल्य परक संस्थान बताते हुए कहा कि आचार्य महाश्रमण जैसे आध्यात्मिक संत की अनुशासना में संचालित यह विश्वविद्यालय युवाआंे को जीवन निर्माण एवं राष्ट्रीय विकास की शिक्षा दे रहा है।


समारोह को सान्निध्य प्रदान करते हुए अनुशास्ता आचार्य श्रीमहाश्रमण ने कहा कि ज्ञान के विकास के साथ परिणाम की सकारात्मक आने चाहिए। अनुशास्ता ने उपस्थिति विद्यार्थियों को ‘सिक्खापद्म’ का संकल्प दिलाते हुए जीवन में नैतिकता को अपनाने का आह्वान किया। 
समारोह के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरसंचालक भैयाजी जोशी ने कहा कि विद्यार्थी में राष्ट्रीय भावना के साथ मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पण भी होना चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण कार्य कर रहे है। 



कुलपति समणी चारित्रप्रज्ञा ने संस्था का परिचय देते हए कहा कि अनुशास्ता के नेतृत्व में जैन विश्वभारती संस्थान मानवीय शिक्षा के विकास को समर्पित है। कुलाधिपति बसंतराज भण्डारी एवं कुलपति समणी चारित्रप्रज्ञा ने विद्यार्थियो को उपाधियां वितरित की।


इस अवसर पर सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश आर.एम. लोढा को डी.लॉज. एवं पदम श्री गोवर्धन मेहता को डी लिट की मानक उपाधि से सम्मानित किया गया। कुलसचिव डॉ. अनिल धर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर 1900 विद्यार्थियों को पीएचडी, स्नातकोत्तर, स्नातक आदि की उपाधियां वितरण की गई। इससे पूर्व साधना क्षेत्र के मुख्य गेट से कार्यक्रम स्थल तक संस्थान के सदस्यों ने प्राशेसन (जुलुस) में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीरेन्द्र भाटी ने किया। श्रीमती स्मृति ईरानी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों की प्रशंसा की। 

इस अवसर पर मंत्री मुनि सुमेरमल, प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष के.एल. जैन, जैन विश्वभारती के अध्यक्ष धर्मचन्द लूंकड़, मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुतविभा आदि उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत प्रो. बच्छराज दूगड़, प्रो. जे.पी.एन. मिश्रा, प्रो. आरबीएस वर्मा, शांतिलाल गोलछा आदि ने किया।