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गंगाशहर श्रद्धाभक्ति का अनूठा और विहंगम स्थान है - साध्वी विजय श्री


बोथरा भवन में मंगल भावना समारोह का आयोजन

06.11.2014 "तेरापंथ धर्मसंघ के महत्वपूर्ण स्थानों में एक स्थान गंगाशहर है. यहाँ के श्रावक समाज ने अपने कार्यों से संघ के आचार्यों के मन में गहरा विश्वास बनाया है. सही मायने में गंगाशहर श्रद्धा भक्ति का अनूठा और विहंगम स्थान है. हर द्रष्टि से साताकारी और उपयोगी जगह है. इस गंगाशहर में हर बात की और हर वस्तु की सहज उपलब्धता है तथा यहाँ के श्रावकों में संघ एवं संघपति के प्रति निष्ठा और समर्पण बेजोड है. हमने अपने इन चार महीनों के प्रवास में अपने सामर्थ्य के बल पर आप लोगों को धर्म ध्यान, जप तप और ज्ञान साधना में निरंतर लगे रहने की प्रेरणा देने का लक्ष्य बनाया. आप अब उस अर्जित ज्ञान को ह्राद्य्गंम करते रहे यही आपकी भेंट हम स्वीकार करती है."


उपरोक्त विचार आचार्यश्री महाश्रमणजी की आज्ञानुवर्ती सुशिष्या साध्वी  विजयश्री जी ने तेरापंथी सभा द्वारा बोथरा भवन में आयोजित मंगल भावना समारोह में व्यक्त किये. इस अवसर पर साध्वी उर्मिलाकुमारीजी, साध्वी मृदुलयशाजी, साध्वी ज्ञानयशाजी ने भी यहाँ के श्रावकों में सिखने और जानने की लगन को बहुत उपयोगी बतलाया तथा यहाँ गंगाशहर के भाई बहनों कों ज्ञान पिपाशु बतलाया.



आज के इस मंगल भावना समारोह में श्रावक समाज की ओर से श्री हंसराज जी डागा, चैनरूप छाजेड, धर्मेन्द्र डाकलिया, संतोष बोथरा, पियूष लुनिया, अशोक बाफना, ममता रांका, लोचन बाफना, रेणु रांका, सारिका चोपड़ा, सारिका सेठिया, हिताक्षी रांका, पारुल दुगड, गवरा देवी सेठिया, आरती चोपड़ा, आरती मालू, मंजूदेवी सठिया  आदि ने अपने अपने भाव गध्य ओर पद्य रूप में वक्तव्य ओर गीतिका के रूप में रखे.

इस मंगल भावना समारोह के कार्यक्रम का कुशल एवं प्रभावी संचालन सभा के सहमंत्री धर्मेन्द्र डाकलिया ने किया.

साध्वी विजयश्री जी अपनी सहवर्तिनी तीनो साध्वियों उर्मिलाकुमारीजी, मृदुलयशाजी एवं ज्ञानयशाजी के साथ कल शुक्रवार 7 नवंबर कों प्रातः 10.15 बजे बोथरा भवन से गंगाशहर शांति निकेतन पधारेगी ओर फिर बाद में वहाँ से बीकानेर होते हुए आचार्य प्रवर की आज्ञानुसार उदासर की और प्रस्थान करेगी.



फोटो व रिपोर्ट – धर्मेन्द्र डाकलिया
प्रस्तुति – अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज से पंकज दुधोड़िया