Top Ads

एथिक्स एण्ड वेल्यू इन रिसोर्ट मैनेजमेंट’ विषय पर दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन

नई दिल्ली, 02 नवम्बर 2014  :: जैन विश्व भारती लाडनूं के विभाग इंटरनेशनल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिलेटिव इकोनोमिक्स एवं पेसेफिक एकेडमी आॅफ हायर एजूकेशन एण्ड रिसर्च यूनिवर्सिटी द्वारा अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में ‘एथिक्स एण्ड वेल्यू इन रिसोर्ट मैनेजमेंट’ विषय पर दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन अध्यात्म साधना केन्द्र में हुआ। दुनिया भर से प्रो. बी.पी. शर्मा वाइस चान्सलर पेसेफिक यूनिवर्सिटी, बी.आर. अग्रवाल, चेयरमेन फेयर – बी.ए. प्रजापति वीर नर्मदा प्रजापति यूनिवर्सिटी सुरत, बजरंग गुप्त, आर.एस.एस. चीफ नोर्थ इंडिया, डाॅ. धमेन्द्र प्रधान मिनिस्टर आॅफ स्टेट पैट्रोलियम एण्ड गैस, डाॅ.जी.वी.जी कृश्णमूर्ति फोरमर एलेक्शन कमीष्नर मिसेज जेनेट ज्यूवाईड, एंबेसडर आॅफ यूथोपिया, मिस्टर गुस्तव डी अरीस्टेगी एंबेसडर आॅफ स्पेन, जोगेन्द्र सिंह फोरमर डायरेक्टर सी.बी.आई, मिस्टर के.एल. गंजू, सी.जी. यूनियन आॅफ कोमरोस, कर्नल मिथीलेस दीक्षित केरियर पोयर युनिवर्सिटी कोटा, डाॅ. पी.वी. जोषी एक्स एम्बेसर आॅफ गुयाना आदि अनेकों विद्वान उपस्थित थे।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि मनुष्य को अपने विकसित मस्तिष्क  का उपयोग दुनिया के भले के लिए करना चाहिए। नैतिकता प्रामाणिकता से कमाया हुआ धन ‘अर्थ’ है और अनैतिकता से कमाया हुआ अर्थाभास। हमें अपने घरों-दुकानों में नैतिकता व ईमानदारी की देवी की स्थापना रखनी चाहिए भगवान महावीर द्वारा प्रदत इच्छापरिमाण (संयम) व उपभोग परिभोग परिमाण (नियम) व्रत आज की सभी समस्याओं का समाधान है। शुभ भविष्य के लिए हमें हमारे संसाधनों का समुचित प्रबंधन करना चाहिए इसमें नैतिकता व जीवन मूल्य बहुत उपयोगी है।

साध्वी प्रमुखा कनकप्रभाजी ने कहा कि अर्थ जीवन का साध्य हो सकता है साधन नहीं। माक्र्स कीन्स, गांधी व महावीर इन चारों के अर्थषास्त्री विचारों का अध्ययन करने से स्पश्ट होता है कि संसाधनों के प्रबंधन में सापेक्श और अहिंसा का अर्थशास्त्र सर्वाधिक उपयोगी है।

मंत्री मुनि ने कहा – अर्थ के अर्जन, संग्रह और उपभोग में सुचिता की बहुत जरूरत है। श्री वी.वी. वर्मा ने बताया कि पैसेफिक शिक्षा समूह के 30 विश्वविद्यालय एवं 30 हजार छात्र हैं। सभी विद्वानों ने सारगर्भित वक्तव्य दिये। श्री के.एल. जैन ने अतिथियों का स्वागत व आयोजन सहभागी संस्था जैन विश्व भारती की ओर से आभार ज्ञान अरविन्द गोठी ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अंतरराष्ट्रीय मोटीवेटर बजरंग जैन ने किया।
प्रेषक: डाॅ. कुसुम लूणिया