मुंबई. तेरापंथ धर्मसंघ महाकुंभ के रूप में विख्यात मर्यादा महोत्सव का आयोजन तेरापंथ भवन कांदिवली में मुनि श्री प्रसन्नकुमारजी, साध्वी साधनाश्रीजी , साध्वी ललितप्रभाजी, साध्वी सोमलताजी के सानिध्य में संपन्न हुआ। 151 वे मर्यादा महोत्सव का आगाज मर्यादा घोष व मर्यादा गीत से हुआ। मुनि प्रसन्नकुमारजी ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि- मर्यादा से विभूषित व्यक्ति ही राष्ट्र एवं समाज में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। साध्वी साधनाश्री ने मर्यादा महोत्सव को धर्म संघ की आन बान शान का प्रतीक बताया। साध्वी ललितप्रभा ने जयाचार्य को मनोवैज्ञानिक बताते हुए मर्यादा महोत्सव की समीक्षा की। साध्वीश्री सोमलताजी ने कहा कि मर्यादा महोत्सव विनय एवं समर्पण का पर्व है । तेरापंथ धर्मसंघ एवं आचार्य भिक्षु की दूरदर्शिता अविरल है. मर्यादा की लक्ष्मण रेखा के अंदर रहनेवाला ही साधना के शिखर पर आरूढ़ हो सकता है। साध्वीश्री शकुंतलाकुमारीजी ,साध्वीश्री विमलप्रभाजी, साध्वीश्री सन्मतिश्रीजी, साध्वीश्री संचितयशाजी, साध्वीश्री जागृतयशाजी, एवं साध्वीश्री रक्षितयशाजी ने भी अपनी प्रस्तुति रखी. अभातेयुप राष्ट्रीय परिषद् सदस्य योगेश चौधरी, भाजपा प्रवासी महामंत्री नरेश परमार, अभातेमम राष्ट्रिय उपाध्यक्षा कुमुद कच्छारा , अणुव्रत समिति मुंबई अध्यक्ष गणपत डागलिया, तेरापंथ सभा मुंबई के उपाध्यक्ष बाबूलाल राठौड़ आदि गणमान्य व समस्त श्रावक समाज उपस्थित था । तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के अध्यक्ष माणक धिंग एवं तेयुप कांदिवली अध्यक्ष प्रीतम हिरण मलाड आदि ने भी अपनी बात रखी.
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