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गंगाशहर अनूठा तीर्थ स्थान है- 'साध्वीचन्द्रकला'


     शांतिनिकेतन सेवाकेंद्र, गंगाशहर (JTN), "किसी स्थान विशेष में कोई विशेषता होती है तो किसी स्थान में कोई अलग तरह की विशेषता होती है लेकिन हमने देखा कि पूज्य गुरुदेव श्री तुलसी की पुण्यधरा इस गंगाशहर में अनेकानेक विशेषताएं है. इसके साथ ही यहाँ एक नहीं बल्कि बहुत तरह की बातों की सहज सुलभता है. यहाँ का श्रावक समाज बहुत ही श्रद्धावान विनयनिष्ठ ओर संघ एवं संघपति के प्रति पूर्ण समर्पित है. सेवा भावना बेजोड है. हमने पीछले लगभग तेरह महीनों में इस बात कों देखा, जाना और समझा भी. आज परमपूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के इंगित अनुसार हमारी सेवा चाकरी समपन्न हो रही है. वृद्ध साध्वियों की सेवा करने में असीम आनंद का अनुभव हुआ. यह गंगाशहर हमारे लिए नया स्थान नहीं है हमने पूर्व में भी यहाँ सेवा का दायित्व निभाया है."

           उपरोक्त विचार शांतिनिकेतन सेवाकेंद्र में तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित मंगलभावना समारोह में साध्वीश्री चन्द्रकलाजी ने व्यक्त किये. इस अवसर पर साध्वीश्री पुण्यप्रभाजी ने भी अपने विचार रखते हुए इस स्थान को बहुत ही साताकारी और हर बात में अच्छा बतलाया, उन्होंने कहा कि सेवा का दायित्व निभाने के साथ व्याख्यान और श्रावक समाज की सार संभाल करने की भी पूरी पूरी कोशिश की. हम सब यहाँ से अच्छी बाते और अच्छी यादें साथ लेकर जा रही है. आज के मंगल भावना समारोह में मंगलाचरण श्री चैनरूप छाजेड ने किया. साध्वी ज्ञानवती जी, साध्वी मनुयषा जी, साध्वी विजयकँवर जी, आदि साध्वीवृन्द ने समूह गीतिका के माध्यम से विदाई दी.

        तेरापंथी सभा के सहमंत्री धर्मेन्द्र डाकलिया ने सम्पूर्ण श्रावक समाज की ओर से साध्वीश्री चन्द्रकलाजी साध्वीश्री पुण्यप्रभाजी तथा उनकी साथ की सभी साध्वीवृन्द को सफल चाकरी हेतु बधाई देते हुए सेवा करने वाली सभी साध्वियों की सरलता, सहजता, विनम्रता ओर सौम्य प्रवर्ती को अनुकरणीय और प्रशंसनीय बतलाया.  इसके साथ ही वृद्ध साध्वियों की चित समाधि में योगभुत बनने पर उनका आभार व्यक्त किया. सभा संस्थागत प्रतिनिधित्व करते हुए अशोक बाफना, पियूष लुनिया, रेणु बाफना, मधु छाजेड, शारदा बैद, सुमन छाजेड तथा उपासिका प्रतिभा चोपड़ा ने भी अपने विचार प्रकट किये.  इस कार्यक्रम का संचालन सभा के मंत्री किशन बैद ने किया.

प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़ ब्यूरो से धर्मेन्द्र डाकलिया


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