
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में शासन गौरव मुनि श्री विमल कुमार जी के पावन सानिध्य में शिखर सम्मेलन का आयोजन मेघराज तातेड़ भवन में किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मंगलाचरण से हुई। मुनि श्री विमल कुमार जी ने फरमाया कि प्राचीन काल की नारी और आज की नारी में तुलना करें तो हम देखते हैं कि आज की नारी का रूप ही बदल गया। आज की नारी विकास की ओर अग्रसर है। शिक्षित होकर कोई वकील बन रही है तो कोई पुलिस में, यह एक रूप है विकास का और इसके लिए परिवार में आपसी समन्वय भी जरूरी है।
महिला मण्डल की मंत्री श्रीमती संतोष मेहता ने अपने वक्तव्य में कहा कि क्या खुश रहने के लिए जरूरी है कि हम अपने जीवन की बागडोर दूसरे के हाथों में दे दें ? ऐसा बिल्कुल नहीं है हमें अपने जीवन का नियंत्रण स्वयं के हाथ में ही रखना चाहिए।

श्रीमती कनक बैद ने कहा नारी है तो सृष्टि है ।हम अपने आप में संपूर्ण हैं तो हम क्यूं रोएं। क्यूं हम अपनी कमजोरियों का बखान करें। हमें अबला नहीं बनना चाहिए। हर कठिनाई का सामना करना चाहिए।
लायंस क्लब की मंजू जी जोशी ने कहा कि क्या एक दिन के सम्मान देने से महिला दिवस की सार्थकता सिद्ध हो जाती है। नारी तो हमेशा पूजनीय है। वह एक शक्ति है।
"अहसास" एन.जी. ओ. से पधारी उर्मिला जी राठी ने कहा कि महिलाओं को सभी जगह समान सम्मान मिलना चाहिए।
अंत में मैं ज्योति नाहटा यही कहना चाहूंगी कि नारी वह शक्ति है जो संपूर्ण समाज को एक डोर में बांध कर रख सकती है।
" WOMAN " means
W - Wonderful Mother
O - Outstanding Friend
M - Marvelous Daughter
A - Adorable Sister
N - Nicest Gift To Men From God
जोधपुर से मोनिका चोरड़िया एवं ज्योति नाहटा की रिपोर्ट
0 Comments
Leave your valuable comments about this here :