
बिरगंज , 31 मार्च (जेटीएन)
परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी के अहिंसा यात्रा सह नेपाल प्रवेश पर मंगलवार सुबह नेपाल और भारत के श्रद्धालुओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया। नेपाल पदार्पण पर आचार्य श्री महाश्रमण जी की अगवानी हेतु नेपाल के उपप्रधानमन्त्री प्रकासमान सिंह, समणी वृंद सह हजारों श्रावक-श्राविकाएं बिरगंज के शंकराचार्यद्वार पर उपस्थित थे । पारम्परिक नेपाली वेशभूषा में सजे लोग, मनोरम झांकियां, हजारों श्रावक श्राविकाओं की कतारें, वातावरण में जयघोष और स्वागत गीतों की स्वर लहरियों के साथ नेपालवासियों का उत्साह चरम पर था।
बिरगंज के आर्दशनगर स्थित पुरानें बस पार्क में आयोजित सभा में उपप्रधानमन्त्री श्री सिंह ने आचार्य श्री महाश्रमणजी का नेपाल की जनता की ओर से स्वागत किया । उन्होंने पूज्यप्रवर की यात्रा को चरित्र निर्माण का अभियान बताते हुए इससे समाज में होने वाले विकृति का अन्त होकर नेपाल में बड़ा क्रान्तिकारी रुपान्तरण होगा ऐसा विश्वास व्यक्त किया। मानवीय एकता, नैतिकता और नशामुक्त समाज निर्माण के विषय में आचार्य श्री की शिक्षाओं से आम नेपाली लाभान्वित होंगे ऐसा उपप्रधानमंत्री सिंह ने बताया।
पूज्यप्रवर ने अपनी मंगल उद्बोधन की शुरुआत नेपाली भाषा से की और फ़रमाया- “हामी आज नेपाल आएका छौं । भारतको छिमेकी देश नेपालमा चरण राखेका छौं । यहाँ धेरै काम हुनुपर्छ । भारत बाहिरको यात्रा मेरो पहिलो हो”।
साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी ने फ़रमाया कि नेपालवासी सौभाग्यशाली है कि आज पूज्यप्रवर के पावन चरणों ने नेपाल की धरती को स्पर्श किया और नेपाल के लोगों के चिरकाल से संजोए हुए स्वप्न आज फलित हुए । मुख्य नियोजिका साध्वी श्री विश्रुतविभाजी, मुनि श्री कुमारश्रमणजी, मुनि श्री दिनेशकुमारजी आदि चारित्रात्माओं ने पूज्यप्रवर के नेपाल प्रवेश को ऐतिहासिक बताते हुए उनकी नेपाल यात्रा के प्रति मंगलकामना व्यक्त की । तेरापंथ महासभा अध्यक्ष श्री कमल दूगड़, अभातेयुप अध्यक्ष श्री अविनाश नाहर, जैविभा अध्यक्ष श्री धर्मचंद लूंकड़, अभातेमम अध्यक्षा श्रीमती सुरजदेवी बरडिया विराटनगर चातुर्मास व्यवस्था समिति अध्यक्ष श्री मालचंद सुराणा सह विभिन्न संघीय संस्थाओं के पदाधिकारी गण उपस्थित थे । जैन श्वेताम्बर तेरापन्थी सभा वीरगंज के अध्यक्ष अशोककुमार बैद ने राष्ट्रपति डॉ. रामवरण यादव के प्रमुख आतिथ्य में गुरूवार को आयोजित होनेवाले महावीर जयंती के कार्यक्रम में सहभागी होने हेतु सभी से आग्रह किया ।
इससे पूर्व समणी वृंद, नेपाल की संघीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों आदि द्वारा स्वागत गीतिका का संगान किया गया । समण सिद्धप्रज्ञजी ने मंत्री मुनि श्री सुमेरमलजी का पूज्यप्रवर की नेपाल यात्रा के प्रति मंगलभावना सन्देश का वाचन किया । कार्यक्रम का संचालन समणी श्री शारदाप्रज्ञाजी ने किया ।
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