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लोग जीवन व्यवहार में ईमानदारी का प्रयोग करे : आचार्य श्री महाश्रमण जी


H.H. Aachary Shri Mahashraman ji, While Pravchan during Ahimsa Yatra

परमाराध्य आचार्य श्री महाश्रमण जी का एक दिवसीय प्रवास हेतु आज गांव तुतीपार के सरकारी प्राथमिक विधालय न. १ में पधारना हुआ। उपस्थित सैंकडों ग्रामवासियो को सम्बोध प्रदान करते हुऐ पूज्य गुरूदेव ने फरमाया-" भगवान महावीर ने गौतम स्वामी को संदेश देते हुऐ फरमाया कि एक क्षण के लिए भी प्रमाद मत करो। यह समय बडा महत्वपूर्ण है। मनुष्य जन्म को पाया है तो इसके एक एक पल का सदुपयोग करना चाहिऐ। मनुष्य ही एक अकेला प्राणी है जो अपने समय का सही प्रयोग कर, मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। चौरासी लाख जीवयोनियो मे केवल मनुष्य को यह अर्हता प्राप्त है। मानव को सोचना चाहिए कि अगले जन्म में मेरी गति न बिगडे, गलत काम करके नर्क या तिर्यन्च गति में न चला जाऊँ। यदि कोई ज्यादा पाप करता है तो उसकी गति बिगड जाती है।  हम 9 नबम्बर को अहिंसा यात्रा लेकर, लाल किला दिल्ली से चले थे। इस अहिंसा यात्रा के तीन मनोरथ हैं, हम गांव गांव जाकर लोगो को सदभावना, नैतिकता, और नशा मुक्ति की प्ररेणा दे रहे है। जाति धर्म के नाम पर झगड़ा न हो, सभी मे मैत्री रहे, सदभावना लोग जीवन व्यवहार में ईमानदारी का प्रयोग करें। दुसरे व्यक्ति से धोखा धडी न कि जाऐ लोग सभी प्रकार के नशो से मुक्त रहें। शराब पीने वाले का चित-भ्रान्त हो जाता है।
दुसरे व्यक्ति से धोखा धडी न कि जाऐ लोग सभी प्रकार के नशो से मुक्त रहें | शराब पीने वाले का चित-भ्रान्त हो जाता है | पहले आदमी शराब पीता है फिर शराब आदमी को पीने लगती है | नशा गरीबी का एक कारण है किसी समय ग्राम प्रवेश करते समय मंदिर हुआ करते थे आज शराब की दुकाने आने वालो का स्वागत करती है ग्रमीण भाई-बहनो ने अहिंसा यात्रा के संक्लपो को स्वीकार किया |
 दिनांक 14-03-15, गांव तुतीपार(जि. वलिया),उत्तर प्रदेश । अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़ 


People Listening H.H. Aacahry Shri Mahashraman at a Small Village in Uttar Pradesh during Ahimsa Yatra 

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