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डॉ. अब्दुल कलाम थे वैज्ञानिक आध्यात्मिक व्यक्तित्व : आचार्य महाश्रमण


परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी ने देश के पूर्व महान राष्ट्रपति, वैज्ञानिक भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि - डॉ. कलाम का तेरापंथ धर्मसंघ के साथ सम्पर्क बना रहा. गुरुदेव महाप्रज्ञजी के साथ उनका निकटता का सम्बन्ध था. १९९९ में दिल्ली में गुरुदेव महाप्रज्ञजी के पास वे एक वैज्ञानिक के रूप में आएं. वार्तालाप के दौरान गुरुदेव ने उन्हें शान्ति की मिसाइल बनाने की बात कही थी. डॉ कलाम अपने वक्तव्य में इस बात को बार बार कहते भी थे. वे विज्ञान जगत के व्यक्ति थे एवं साथ में उनमे आध्यत्मिकता भी नजर आती थी.  मुंबई एवं अहमदाबाद में भी उन्होंने आचार्य श्री महाप्रज्ञा के दर्शन किये. अपना जन्मदिन मनाने के लिए वे सूरत में  आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के साथ रहे. दिल्ली में २००५ में और आचार्य श्री महाप्रज्ञाजी के महाप्रयाण पर सरदारशहर भी आएं. २०११ में  केलवा में  एवं २०१४ में दिल्ली हमारे पास आएं. बच्चों से उन्हें विशेष प्रेम था. आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के साथ पुस्तक का सह् लेखन भी किया. उनके जाने से भारत को एक अपूरणीय क्षति हुई है. हम उनकी आत्मा के प्रति मंगलकामना करते है कि उनकी आत्मा परम की ओर  आगे बढे. 
साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी ने कहा कि-  व्यक्ति के जीवन में सहनशीलता होनी चाहिए. व्यक्ति को कठनाईयों से डरना नहीं चाहिए. 
साध्वीवृंद द्वारा "जन-जन करे नमन, ओ मेरे महाश्रमण' गीतिका का संगान किया गया. मुनि श्री कमलकुमारजी ने तपस्या की प्रेरणा दी. 

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