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आत्मिक उत्थान का अनुपम अनुष्ठान है - अभिनव सामायिक



गुवाहाटी 16 अगस्त - साध्वी  श्री अणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद की तत्वावधान में तेरापंथ भवन के सुरम्य प्रांगण में अभिनव सामायिक का कार्यक्रम समायोजित हुआ।  विशाल परिषद ने इस आध्यात्मिक अनुष्ठान से जुड़कर समता की साधना का आनंद लिया।  सैंकड़ो सैंकड़ो युवको ने सामायिक की वेशभूषा में बैठकर सामायिक की आराधना की। 

साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी ने विशिष्ट शैली में परिषद को अभिनव सामायिक का अनुष्ठान करवाया।  जययोग की साधना जब चल रही थी तब लग रहा था पूरा स्थान प्राण ऊर्जा से भर गया है। ध्यानयोग की तल्लीनता देखकर लग रहा था मानो अंतर्यात्रा के द्वार उद्घोटित हो रहे है। स्वाध्याय भोग में अपने भावो की प्रस्तुति देते हुए कहा - अभिनव सामायिक का उपक्रम संयम की साधना का बीजारोपण है।  आत्मिक उत्थान का अनुपम अनुष्ठान है - अभिनव सामायिक। चित्तभूमी में समता के अवतरण की पृष्ठभूमि है - सामायिक।  तन, मन और वचन को संयमित करने की प्रयोगशाला है - अभिनव सामायिक। सामायिक श्रावक के लिए साधु जीवन के रसास्वादन का सारभूत विधान है। अपेक्षा यह है की प्रत्येक श्रमणोपासक अपनी जीवनचर्या को प्रशस्त पथ देता हुआ सामायिक को दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाकर जीवन को सार्थक पहचान दे। 
साध्वीश्री अणिमाश्रीजी ने 'जन्मदाता : माता - पिता' विषय पर भावपूर्ण प्रस्तुति देते हुए कहा - हमारे जीवन का प्रारंभ माता -पिता से ही हुआ है।  उन्ही की बदोलत आज हमारा धरती पर अस्तित्व है एवं इस सुन्दर संसार को देख रहे है। माँ त्याग का महायज्ञ है, कुर्बानी का जज्बा है - माँ। ममता का महासागर है - माँ। सहनशीलता की प्रतिमूर्ति है - माँ। माँ तूने तीर्थंकरो, अवतारों व  पैगम्बरों को पैदा किए है। राम व रहीम, कबीर व कृष्ण, महावीर और मौहम्मद, तुलसी, महाप्रज्ञ व महाश्रमण भी तुम्ही से है। हर माँ ने अपनी संतान को सही संस्कार देकर अपनी कोख की गरिमा बढ़ाई है। पिता जीवन का पथदर्शक है, जीवन निर्माता है। माँ- बाप का क़र्ज़ उतारने का फ़र्ज़ अदा कीजिए। उनके उपकारों के प्रति कृतज्ञ बने। उनके धार्मिक अनुष्ठान में सहयोगी बने तभी ऋण से उऋण बन पाओगे। साध्वी समत्वयशाजी ने गीत का संगान किया। इस अवसर पर तेयुप ने सभी को चदर व मुखवस्त्रिका बांटी। सभा मंत्री श्री निमल कोटेचा ने अपने विचार व्यक्त किये। 

संजय चौरड़िया, राजू देवी महनोत JTN गुवाहाटी 



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