साध्वीश्री कुंथुश्री जी के सानिध्य में दम्पति शिविर

हैदराबाद, तेरापंथ सभा, तेयुप एवं महिला मंडल के तत्वध्यान में साध्वीश्री कुंथुश्री जी के सानिध्य में तेरापंथ भवन में दम्पति शिविर का आयोजन किया गया। सभी का स्वागत सभा अध्यक्ष और तेयुप अध्यक्ष द्वारा किया गया। महिला मंडल ने सुभकामना प्रेषित की।कार्यक्रम के प्रथम चरण में साध्वी कुंथुश्री जी ने अपने उद्बोधन में कहा की दम्पति का अर्थ जोड़ा होता है पति पत्नी के जोड़े को दम्पति कहा जाता है। एक चक्के से गाड़ी नहीं चल सकती। एक तार से बिजली नहीं जलती और एक हाथ से ताली नहीं बजती। अकेले स्त्री या अकेले पुरुष से न परिवार होता है न समाज और न सृष्टि होती। दम्पतिय जीवन को सुखी बनाने का एक सूत्र है - अनाग्रह चेतना का विकास। समन्वय,सामंजस्य, संवेदनशीलता, सहनशीलता आदि गुणों को अपनाकर सुखी जीवन जिया जा सकता है।
परिवार खुशहाल बन सकता है। दम्पतिय जीवन में सरस सुखद मधुर समता के दीप जलाये जा सकते है।
साध्वी श्री कंचनरेखाजी ने भी अपने विचार सदन में रखे। कार्यक्रम का संचालन तेयुप के अमित नाहटा, ललित लूणिया, निर्मल दुगर, प्रकाश दुगर द्वारा किया गया और आभार तेयुप के मंत्री नवनीत छाजेड़ ने किया। संवाद साभार : ABTYP JTN से मुकेश सुराना और प्रियदर्शिनी जैन
प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़ से प्रमोद छाजेड, ज्योति नाहटा
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