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वाशी के चातुर्मास में अमीट रहने वाला कवी सम्मलेन

तेरापंथ युवक परिषद् वाशी के तत्वावधान में एवम शासन श्री साध्वी नगीना श्री जी के सानिध्य में ऐतिहासिक कवी सम्मलेन का आयोजन वाशी के विष्णुदास भावे सभागृह में आयोजित किया गया खचाखच भरे हॉल में मुम्बई नवीं मुम्बई के लोगो की अच्छी उपस्तीथी रही ! कार्यक्रम की शुरुआत दिप प्रज्वलन से हुई ! मंगलाचरण महिला मंडल की स्वेता आच्छा, लीला श्रीमाल, भावना आच्छा, गरिमा बम्ब, रेखा कोठारी, मोनिका वागरेचा, संगीता बाफना, विजेता भंसाली द्वारा किया गया ! तेयुप वाशी अध्यक्ष नीरज बम्ब ने संचालन करते हुए कहा की 15 दिन में इतने भव्य आयोजन को सम्पादित करना वाशी श्रावक समाज के सहयोग और मार्गदर्शन को प्रदर्शित करती हें ! साध्वी पदमावती जी, साध्वी डॉ. गवेषणा श्री जी, साध्वी मेरुप्रभा जी, साध्वी मंयकप्रभाजी ने सुमधुर गीतिका गाई ! स्वागत भाषण तेयुप मंत्री विमल सामर ने देते हुये सभी कार्यकर्ताओ के श्रम को सराहा !


अभातेयुप अध्यक्ष B.C. भलावत ने तेयुप वाशी को श्रमशील परिषद् कहते हुये सभी कार्यकर्ताओ को कहा की आपका आगामी लक्ष्य ATDC सेंटर वाशी में बने यह होना चाहिये ! 

साध्वी श्री नगिना श्री जी ने कहाँ की साहित्य की अनेक विधायें है उनमे कथा साहित्य एवम् काव्य साहित्य अधिक आकर्षण हे ! कवि कविताओं के माध्यम से समाज को आइना दिखाते हैं। तेरापंथ युवक परिषद् वाशी में उत्साह हे काम करने का तजुर्बा है यह विशाल कवी सम्मलेन इसी की एक परिणीति हे ! प्रायजको का सम्मान सम्मान पत्र से किया गया इसके पश्चात मंच कवियों को सुपुर्द कर दिया

कवि डॉ. विष्णु सक्सेना ने अपनी कविता की कुछ लाइनें प्रस्तुत कीं तो पूरा सभागृह तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा वह थी...
"बरसात नहीं है पर बादल गरज रहे हैं, सुलझी हुई हैं जुल्फें और हम उलझ रहे हैं।
अब भी हसीन सपनें आंखों में पल रहे हैं, पलकें हैं बंद फिर भी, आंसू निकल रहे है "
मंच के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे संजय झाला ने वीर रस कवि अब्दुल गफ्फार को आमंत्रित किया तो उन्होंने अपनी चिर परिचित शैली में नवकार महामंत्र की महिमा का गान किया और देशभक्ति का संदेश देते हुए गौहत्या रोकथाम पर शानदार प्रस्तुति दी , कवि दिनेश दिग्गज ने अपनी खूबसूरत कविताओं से उपस्थित लोगों को खूब गुदगुदाया। उनके बाद मंच संभालते हुए कवियत्री भुवन मोहिनी ने भी अपनी कविताओ द्वारा प्रस्तुत दी।

इसी बीच मंच पर तारक मेहता का उल्टा चश्मा के टाइटल सांग के साथ शैलेश लोढ़ा का भव्य आगमन हुआ और आते ही मंच संभाला! कई चुटकुले और चुटीले व्यंग्य बाण ने सभी को जमकर हंसाया तो .. बोलो मिस करते हो कि नहीं, ने लोगों की हंसी के साथ ही अपने पुराने अनुभवों की यादें ताजा करवा दीं। इस दौरान शैलेष लोढ़ा ने टीवी पर प्रसारित हो रहे अश्लील कॉमेडी पर निशाना साधा तो दूसरी ओर राजस्थानी परंपरा की तारीफ करते हुए भाषा की मिठास और उसे अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैंने राजस्थान की धरती पर एक जैन परिवार में जन्म लिया है, इससे बढ़कर मेरे लिए गौरव की बात कुछ और हो सकती है। 
देर रात 1 बजे तक चले इस कवि सम्मेलन में लोग अंत तक जमे रहे और जमकर कविताओं का लुत्फ उठाया।
शैलेश लोढ़ा ने कहा की मारवाड़ी बोलने मैं जो मजा हे वो और भाषा मैं नहीं पिला को पिलोपट लाल को लालझट ये सुनकर सभी लोटपोट हो गये ! कार्यक्रम के सयोजक की भूमिका में रहते हुये गौतम कोठारी ने कहा की सभी प्रायोजक और कार्यकर्ताओ के सहयोग से यह सम्मलेन सफल हुआ !
सम्मलेन के संयुक्त संयोजक मै भगवती चपलोत, विनोद सामर, विनोद बाफना, ललित बाफना, अनिल सिंघवी, महावीर कोठारी व महावीर आच्छा थे। वहीं वाशी तेरापंथ महिला मंडल से सुमन बाफना संयोजिका एवं वनिता मेहता सहसंयोजिका के रूप में कार्यरत थी। यही नहीं अणुव्रत ट्रस्ट, तेरापंथ कन्या मंडल, तेरापंथ किशोर मंडल, ज्ञानशाला परिवार वाशी का बड़ा सहयोग रहा।

कार्यक्रम के प्रायोजक
हीरालाल आच्छा,  मोहनलाल सामर,  कुंदनमल सामर, चंपालाल भंसाली, संपतलाल वागरेचा, शांतिलाल बाफना ,भगवती चपलोत, अशोक आच्छा, विनोद बंब, भेरूलाल गुंदेचा, अनिल सिंघवी, सुरेश लोढ़ा, बाबूलाल सिंघवी, अशोक श्रीमाल, पुष्पेंद्र बोहरा, किरण ओस्तवाल, डॉ. बलवंत चोरड़िया, महावीर कोठारी, तनसुख चोरडिया , शांतिलाल जी सिंघवी रहे

मुख्य् आकर्षण
वाशी के इस चार्तुर्मास मैं होने वाली सभी उपलब्धियो एवम् सभी बड़े कार्यक्रमो की एक झलक डॉमेंटरी के तहत दिखाई गई जिसे पुरे सभागृह ने सराहा
तेयुप वाशी द्वारा मोबाइल अप्प का विमोचन शैलेश लोढ़ा, B.C. भलवात, सलिल लोढ़ा, सुनील कच्छारा द्वारा किया गया जिसकी रुपरेखा सयोजक कमलेश डांगी ने बताई

प्रचार सहयोगी
प्रातःकाल, जैन तेरापंथ न्यूज़ एवम् पारस चेन्नल का पूरा सहयोग मिला प्रातः काल न्यूज़ पेपर से नरेश जी आमेटा  एवम् जैन तेरापंथ न्यूज़ से प्रमोद छाजेड़ का सहयोग रहा ! पारद चेन्नल पर सम्मलेन का पूरा लाइव दिखया गया  जिससे इस कार्यक्रम को विश्व प्रसिद्धि मिली




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