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आचार्यश्री महाश्रमण से नशामुक्ति हेतु संकल्पित हुए पूर्णिया पुलिस के करीब 200 जवान

नशामुक्त समाज की स्थापना करने को आचार्यश्री ने दिया संदेश, आह्वान बिहार सरकार का तो सानिध्य अहिंसा यात्रा के प्रणेता व शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण जी का। अवसर संकल्प का। संकल्प नशामुक्त बिहार बनाने का। उपस्थिति कानून व उसके प्रहरियों की। माहौल बिहार में बदलाव का। इन सबके मिलन का गवाह बना पूर्णिया जिला का गुलाबबाग का पाट व्यवसायी भवन। बिहार सरकार के उत्पाद व मद्य निषेध विभाग के मंत्री अब्दुल जलील मस्तान व डीएम पंकज कुमार पाल भी बने इस संकल्प के गवाह .

गुलाबबाग, २९ जन. - - दोपहर के समय पाट व्यवसायी भवन में श्रद्धालुओं के स्थान पर पुलिस व प्रशासन के प्रहरियों अर्थात बिहार पुलिस के जवानों की उपस्थिति आज कुछ अलग ही माहौल बना रही थी। वर्धमान महोत्सव का मंच भी अब बदलाव की ओर था। वह मंच अब धीरे-धीरे नशामुक्त बिहार के आह्वान पर मद्य निषेध अभियान के तहत संकल्प लेने का बन चुका था। समय के साथ उस मंच पर मंचासीन हुए अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमण जी तो आज उनके साथ मंच पर जिले डीएम पंकज कुमार पाल, एसपी निशांत कुमार तिवारी के साथ ही बिहार राज्य सरकार में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री अब्दुल जलील मस्तान के रूप में बिहार की वर्तमान सरकार ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ इस कार्यक्रम के प्रणेता और जिले के पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी के उद्बोधन से। उन्होंने कहा कि राज्य में मद्य निषेध अभियान का आरंभ हो चुका है। पूर्णिया जिला इस अभियान में उदाहरण के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए। इसके लिए जब हमने देखा कि सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति का संकल्प लेकर अहिंसा यात्रा पर निकले आचार्यश्री का आगमन अपने जिले में हुआ है तो क्यों न उनका सानिध्य प्राप्त कर कुछ अलग करने का प्रयास किया जाय। बस इसी सोच को साकार करने के लिए आचार्यश्री के आशीर्वाद से सबसे पहले हमने अपने विभाग के लोगों को नशामुक्त होने का संकल्प कराने के उद्देश्य को लेकर यहां उपस्थित हुए हैं। यह एक सामाजिक परिवर्तन है। इसमें समाज के सभी हिस्से का सहयोग आवश्यक है। साथ ही उन्होंने आधी आबादी की बात करते हुए उन्हें नशामुक्त होने के अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया और कहा कि यदि वे चाहें तो इस अभियान को सफल रूप दिया जा सकता है। अहिंसा यात्रा के संयोजक मुनिश्री कुमारश्रमण जी ने कहा कि सत्ता-संत के समागम का यह मेल सभी के लिए प्रेरक है। कहा कि आचार्यश्री के तीन संकल्पों सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति का यदि समाज में अनुपालन आरंभ हो जाए तो पुलिस का बहुत बड़ा बोझ हल्का हो जाएगा। एसपी की सोच की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे ही आचार्यश्री जब हरियाणा राज्य के यात्रा पर थे तो वहां की सरकार का भी भरपूर सहयोग किया गया। उन्होंने अहिंसा यात्रा के क्रम में आचार्यश्री के आशीर्वाद से लगभग एक करोड़ से अधिक लोगों को नशामुक्त जीवन जीने का संकल्प दिलाने का जिक्र करते हुए कहा कि इस यात्रा का अभियान व बिहार सरकार का संकल्प एक हो जाने से इस राज्य को नशामुक्त बनाने में काफी आसानी हो जाएगी। जिलाधिकारी (डीएम) पंकज कुमार पाल ने कहा कि राज्य में एक अप्रैल से मद्य निषेध काननू लागू हो जाएगा। मुख्यमंत्री जी द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान की इस सोच को सरकार में आने के बाद मूर्त रूप देने के लिए दो हिस्सों मंे बांटा गया है। पहले हिस्सा में प्रवर्तन तंत्र रखा गया है। जिसके तहत पुलिस व प्रशासन की ऐसी कोशिश शामिल होगी जो शराब की खरीद-फरोख्त व उसके अवैध प्रयोग पर रोक लगाएगी। दूसरा चरण स्वैच्छिक मद्य निषेध। इसे एक जन आन्दोलन का रूप देने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि इसे आन्दोलन का रूप देने में महिलाओं की भूमिका अहम होगी। जनता दरबार में कुछ महिलाओं के सूचना के आधार पर पुलिस द्वारा शराब बनाने व पीने वालों पर हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि एक महिला ने जब बताया कि एक नशे में चूर किसान ने अपने दुधारू गाय का चारों पैर फरसे से इसलिए काट दिया गया कि उसने दूध नहीं दिया। नशे में होने वाले अपराधों के रोक के लिए आवश्यक है जन-जन का जागना। इसमें पुलिस व प्रशासन का साथ देने के लिए आम जन का भी आह्वान किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए बिहार सरकार के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने कहा कि शराब ने समाज के सभी लोगों को बर्बाद किया है। विशेषकर गरीब तबके के लोगों के पारिवारिक जीवन को ही बर्बाद कर रहा है। इसलिए बिहार सरकार ने राज्य में शराब पर पाबंदी लगाने की पहल की है। कहा राज्य में पूर्ण रूप से शराब बंद होगी लेकिन चरणबद्ध तरीके से। पहले चरण में कच्ची शराब व मसालेदार शराब के क्रय-बिक्रय व उसके प्रयोग पर रोक लगाई जाएगी। वहीं हर जगह शराब की बिक्री नहीं होगी। केवल नगरों में विदेशी मदिरा तो अवश्य बिकेगी लेकिन एक तरीके से। अंत में आचार्यश्री ने सभी उपस्थित पुलिसकर्मियों व उपस्थित पदाधिकारियों सहित सभी लोगों को आजीवन नशामुक्त रहते हुए दूसरों को भी नशामुक्त करने का प्रयास करने का संकल्प दिलाया। अपने आशीर्वचन में उन्होंने कहा कि शराब से दूर होना समाज व आत्मा दोनों के लिए ही अच्छी बात है। हमारा तो उद्देश्य ही है लोगों का जीवन नशामुक्त बनाना और उन्हें सद्गति, सत्कर्म व ईमानदारी पूर्वक जीवन के लिए प्रेरित करने का। पूर्णिया पुलिस की यह पहल बहुत सराहनीय है। जब पुलिस के जवान स्वयं नशामुक्त होंगे तो लोगों को नशामुक्त बनाने के लिए बेहतर प्रयास करेंगे। डंडे से तो किसी को डरा कर नशा से दूर किया जाता है लेकिन प्रेमपूर्ण व्यवहार के माध्यम से लोगों को नशामुक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए। अंत में उन्होंने इस कार्यक्रम के सफल होने की मंगल कामना की। तत्पश्चात किशनजी डागरिया ने साहित्य देकर बिहार सरकार के मंत्री अब्दुल जलील मस्तान को सम्मानित किया। वहीं गुलाबबाग प्रवास समिति के अध्यक्ष नेमचंद जी ने डीएम को सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन एसपी ने किया। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी की उद्घोशिका सुचिता जी ने किया।

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