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फिर एक नया कीर्तिमान इस महापुरुष के नाम हो गया


तेरापंथ धर्मसंघ के 255 वर्षो के इतिहास में उसके सर्वेसर्वा 
अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी का नेपाल के बाद भूटान देश में प्रथम प्रवेश 


His Holiness Acharya Shri Mahashramanji reached today to Bhutan, with is Non-Violence March (Ahimsa Yatra)
"चरैवेति- चरैवेति" इस सुक्त को धारण कर आचार्य श्री महाश्रमण जी लाखों लाखों लोगो को नैतिक जीवन जीने एवं अंहिसात्मक जीवनशैली की प्रेरणा देते हुए आज 13 मार्च 2016 को सीमावर्ती देश भूटान के फुर्सलिंग कस्बे में प्रवेश किया ।
स्वकल्याण और परकल्याण के संकल्प के साथ 30 हजार से अधिक किमी की पदयात्रा करने वाले आचार्य श्री महाश्रमणजी अंहिसा यात्रा के द्वारा जनमानस को उत्प्रेरित कर मानवता के समुत्थान का पथ प्रशस्त कर रहे है । अंहिसा यात्रा ह्रदय परिवर्तन के द्वारा अंधकार से प्रकाश को ओर प्रस्थान का अभियान है । यह यात्रा कुरूढियो में जकड़ी ग्रामीण जनता और तनावग्रस्त शहरी लोगो के लिए वरदान है । जाती , सम्प्रदाय , वर्ग और राष्ट्र की सीमाओ से परे यह यात्रा बच्चों, युवाओं और वृद्धों के जीवन में सदगुणों की सुवास भर रही है ।
अपने संकल्प बल, आत्मबल और मनोबल से तमाम कठिन रास्तों को चीरकर तेरापंथ की स्थापना भूमि केलवा से कच्छ और नेपाल- नेपाल से भूटान की पैदल यात्रा के स्वप्न को साकार करने वाले दिव्यचरण आज सूर्य की नवकिरण के साथ ही सुबह 8.52 बजे केवल भूटान धरा को स्पर्श नहीं कर रहे है अपितु उनके इस स्पर्श के साथ वसुधा पर साहस से सराबोर पुरुषार्थ की गाथा भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो रही है । जिसे सदियों तक क्या सहत्राब्दियों तक पढ़ जा सकेगा । एक ऐसा आलेख जिस पर अतीत गौरव कर रहा होगा और अनागत जिससे आलोकित होता रहेगा ।
भगवान बुद्ध की भूमि भूटान के साथ एक नया अध्याय जुड़ गया - महातपस्वी, शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमणजी की विहरणभूमि - भूटान । हजारों किलोमीटर पैदल चलकर, कठोर तप साधना करते हुए भूटान देश की इस भूमि पर आना आचार्य श्री महाश्रमणजी के 'महातपस्वी' होने की सार्थकता को प्रमाणित कर रहा है, तो अंहिसा यात्रा प्रणेता के रूप में सद्भावना, नैतिकता, नशामुक्ति का संदेश लेकर इस भूमि पर आना 'शांतिदूत' अंलकरण को परिभाषित कर रहा है । कीर्तिमान तो इस कालजयी महापुरष के चरण चूमने को सदैव आतुर रहा है और फिर एक नया कीर्तिमान इस महापुरष के नाम हो गया -तेरापंथ धर्मसंघ के 255 वर्षों के इतिहास में उसके सर्वेसर्वा अनुशास्ता का नेपाल के बाद भूटान देश में प्रथम प्रवेश ।

सोशल मीडिया सेल : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़ से महावीर सेमलानी ।

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