आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्याएं साध्वी श्री
सरस्वतीजी एवम् साध्वी श्री सोमलताजी के सानिध्य में समण संस्कृति संकाय जैन विश्व
भारती लाडनू के तत्वधान में तथा तेरापंथी सभा मुम्बई व् श्री तुलसी फाउंडेशन
द्वारा आयोजित पश्चिमांचल स्तरीय जैन विद्या कार्यकर्ता प्रक्षिक्षण कार्यशाला का
आयोजन तेरापंथ भवन, कांदिवली में हुआ । ट्रस्टी ख्यालीलाल
तातेड द्वारा उद्घाटन की घोषणा के पश्चात समस्त पदाधिकारियो द्वारा बैनर का अनावरण
किया गया। चिंतामणि पारस प्यारे, भक्त जनो के
रखवारे, मंगलगीत से आराध्य की स्तुति की मुम्बई महिला मंडल ने ।श्रावक
निष्ठा पत्र का वाचन ट्रस्टी भवरलाल कर्णावत द्वारा तथा तेरापंथी सभा मुम्बई के
अध्यक्ष सुनील कच्छारा ने अभ्यागत का स्वागत किया ।इसी क्रम में जैन विद्या
प्रभारी प्रेमलता सिसोदिया व् फाउंडेसन मंत्री दलपत बाबेल व् सम्पूर्ण मुम्बई जैन
विद्या टीम ने आगुन्तक अतिथियों के स्वागत में राजभवन में गुलजार पधारो सा संगान
से सबको भाव विभोर कर दिया ।प्रसिद्ध गायिका मीनाक्षी भूतोड़िया ने सुमधुर गीत जैन
विद्या के मंदार लहराया से सबकी धड़कनो को थमा दिया ।ज्ञानशाला के नन्हे मुंह
बच्चों द्वारा मनमोहक गीत प्रस्तुत किया गया। इस कार्यशाला
में औरंगाबाद, जालना, पुना, भुसावल, जलगाँव, लिम्बायत, पालघर, बोईसर, वलसाड, उधना, चलथान, नवसारी, अहमदाबाद, सिलवासा, सूरत, पर्वत पाटिया, वापी, बड़ौदा,सचिन, गदग, ठाणे,तथा मुम्बई एवं
नवी मुम्बई के सम्पूर्ण क्षेत्रो से लोगो की शानदार उपस्थिति दर्ज़ करवाई।
ऑडिटोरियम हाल में उपस्तिथ सभा को संबोधित करते हुए साध्वी
श्री सरस्वतीजीने कहा -दुनिया में दो तत्व है तात्कालिक और त्रीकलिक। आधुनिक
वैज्ञानिक तात्कालिक तत्वों का प्रतिपादन करता है वहां भगवान महावीर ने त्रीकालीक
तत्वों का प्रतिपादन किया ।ज्ञान त्रेकलिक है अक्षिणमहान लब्धि है ।चित्रबैलि बेल
है| जितना खर्च करेगे उतनी बढ़ती जायेगी ।उन्होंने आगे कहा
चेतना की चिकित्सा के लिए आध्यात्म विद्या जरुरी है ।इसी सही चेतना का सही
रूपांतरण होता है।साध्वी श्री सोमलता ने अपने मधुर संभाषण में कहा मानव जीवन सुख
दुःख का संगमसथल है। दुःख मुक्ति का उपाय है ज्ञान का आचरण विद्या जीवन को सजाने सवारने का शसक्त
माध्यम है। विद्या से आप्लावित व्यक्ति के चारो ओर प्रकाश पवित्रता प्रसन्नता का झरना बहता है व्यक्ति की इस मनीषा को जगा देता है।सघन
अन्धकार में प्रकाश किरण है। ज्ञान से मानसिक शांति को अक्षुण रखा जा सकता है। समण
संस्कृति संकाय के विभागाध्यक्ष श्री मालचंद बेगानी, निर्देशक नीलेश बैद ,समारोह अध्यक्ष ख्यालीलाल तातेड़ ,जैन विद्या प्रभारी महावीर धारीवाल, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी
.सी जैन (भलवात), TPF के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलिल लोढ़ा, विज्ञ जयश्री बडाला, तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय
उपाध्यक्षा कुमुद कच्छारा, तेरापंथ महिला मंडल,मुंबई की अध्यक्षा भारती सेठिया, तेरापंथी महासभा के ट्रस्टी विनोद कच्छारा, दिनेश सुतरिया, मुमुक्षु सचिन कासवा, राजकुमार चपलोत सहित अनेक महानुभाव ने
अपने विचार रखे। आभारज्ञापन अशोक इटोड़िया ने किया तथा संचालन विमला डागलिया तथा
निर्मला नौलखा ने किया।
द्वितीय सत्र में सर्वप्रथम सांताक्रुज ज्ञानशाला
प्रशिक्षिकाओ द्वारा मंगलाचरण किया गया, ज्ञानशाला की आंचलिक संयोजिका सुधा सिंयाल ने अपने विचारो
की अभीव्यक्ति दी ।उसके बाद बहार से पधारे हुए सभी प्रतिभागियों का परिचय सत्र हुआ
जिनमे बहुत से क्षेत्रो से विज्ञ उपाधि धारक और प्रशिक्षक थे ।निलेशजी बैद के
द्वारा जैन विद्या के कार्यक्रम की प्रचार प्रसार की CD दर्शायी गयी। जैन विद्या के कार्यकर्ता
सुशिलजी मेडतवाल ने अपने भावो की अभिव्यक्ति दी ।मलचन्दजी बेगानी ने
"वॉट्सएप्प कैसे USE करे "इस
विषय पर जानकारी दी और जैन विद्या के प्रारूप को बदलते युग के अनुरूप एक नए रूप
में लाने की घोषणा की ।कार्यक्रम का सफल संचालन अनीता सिंयाल
ने किया |
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Jain Vidhya Karyshala Held at Terapanth Bhavan, Kandivali, Mumbai |
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Jain Vidhya Karyshala Held at Terapanth Bhavan, Kandivali, Mumbai |
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Jain Vidhya Karyshala Held at Terapanth Bhavan, Kandivali, Mumbai |
अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़ से अनीता सियाल की रिपोर्ट
2 Comments
Om arham
ReplyDeleteॐ अर्हम्
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