
"विशव
शांति और अहिंसा " पर आयोजित संगोष्टी को संबोदित करते हुए मुनिश्री ने
फ़रमाया की आज विश्व को अहिंसा की बहुत ही जरूरत है , जितनी जितनी अहिंसा
बढेगी उतनी ही विश्व शांति हो सकती है । आज विश्व परमाणु के ढेर पर खड़ा है
,कब भयानक मंजर हो जाए कह नहीं सकते । किसीका शोषण करना भी हिंसा है ।
किसी भी हक़ के लिए विरोध करना भी हिंसा है । जहा अहंकार नफरत , भय , ईर्ष्या व नकारात्मक विचार है वह हिंसा है वह हिंसा निश्चित है । यहाँ
उपस्थित छात्र -छात्राओं एवं डॉक्टर संकल्प करे कि वे क्रोध नहीं करेंगे ,
द्वेष नहीं करेंगे , प्रेम मैत्री करुणा दया को अपनाएंगे तभी ही हम सही
रूप में अहिंसक बन कर विश्व शान्ति का सपना सच कर सकते है ।
मुनिश्री
विमलेश कुमारजी ने कहा की किसी को मारना सरल है लेकिन बचाना कठिन है ,
किसी को गिराना सरल है लेकिन उठाना कठिन है । भगवन ने जो हमे शक्ति दी है
हम उसका मानवता की भलाई में उपयोग करे , सिर्फ नाम के इंसान नहीं बने ,
इंसानियत का भी जीवन जिए ।
इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ शैलजा प्रसन्न राव ने विचार व्यक्त किये । कार्यक्रम की शुरुवात छात्राओं द्वारा मंगलाचरण से हुआ । कन्यामण्डल हासन ने गीतिका प्रस्तुति दी । मांगीलाल आसोरिया ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम् भूमिका निभाई । सभा एवं महिला मंडल द्वारा अतिथियों को साहित्य द्वारा सन्मान किया गया ।
संचालन सभा के संगठन मंत्री महावीर भंसाली ने किया । हासन के तीनो समाज तेरापंथी , मूर्तिपूजक एवं स्तानकवासी एवं बड़ी संक्या में डॉक्टर , छात्र -छात्राओं , कर्मचारी उपस्थित रहे ।
फ़ोटो और रिपोर्ट : विमल कोठारी हासन
1 Comments
Om arham
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