बालोतरा न्यू तेरापंथ भवन में महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वी श्री कनकरेखा जी के सानिध्य में तेरापंथ सभा के तत्वधान में 152वां मर्यादा महोत्सव अपूर्व उत्साह के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्री गुणप्रेक्षाजी,संवरविभाजी,अखिलयशाजी, मृदुप्रभाजी व केवलप्रभाजी के "भारी मर्यादा बाँधी संघ में"गीत के अनमोल बोल से हुआ।
साध्वी श्री कनकरेखाजी ने अध्यात्म परिषद् को संबोधित करते हुए कहा-विश्व का विलक्षण पर्व है मर्यादा महोत्सव।संभवत किसी भी धर्मसंघ में मर्यादा का उत्सव मनाने की परम्परा नहीं है। तेरापन्थ के चतुर्थ आचार्य जयचार्य के द्वारा इसी बालोतरा की पावन धरा पर इस महोत्सव का शुभारंभ हुआ।श्रद्धा,समर्पण और अनुशासन का गुलदस्ता है- मर्यादा।जीवन विकास में मर्यादा का सर्वोपरि स्थान है।संगठन का मूल आचार है मर्यादा। एक आचार, एक विचार एवं एक आचार्य की त्रिवेणी का संगम है मर्यादा।आगे आपने तेरापंथ धर्मसंघ के प्रति श्रद्धा समर्पित करते हुए मर्यादा कि विशेष धारायों का उल्लेख करते हुए हाजरी का वाचन किया।
इस अवसर पर साध्वीवृन्द ने सुमधुर गीत का संगान किया।साध्वी श्री गुणप्रेक्षाजी साध्वी अखिलयशाजी ने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर बाड़मेर,जसोल,पचपदरा,बायतु, अषाडा,फलसुंड आदि क्षेत्रो से श्राद्धलुयों की सराहनीय उपस्थिति थी। इसके पश्चात् सभाध्यक्ष मांगीलालजी सालेचा,ओसवाल समाज मंत्री अमृतलालजी सिंघवी, सिवांची मालाणी अध्यक्ष डुंगरचंदजी भंसाली, कृषि मंडी अध्यक्ष पारसमलजी भंडारी,तेयूप अध्यक्ष रमेशजी भंसाली, महिला मंडल मंत्री ममता गोलेच्छा,स्थानकवासी समाज सहमंत्री नारायणजी भंडारी ने अपने विचार रखे।
तेयूप स्वरसंगम,महिला मंडल,कन्यामण्डल,बालोतरा,पचपदरा,जसोल गीतों के माध्यम से प्रस्तुति दी।बालोतरा ज्ञानशाला की रोचक सुंदर झांकी की प्रस्तुति से परिषद् को भावविभोर हो गई। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री महेंद्र कुमारजी वैद द्वारा किया गया।फोटु साभार : JTN प्रतिनधि उमेश बोथरा बालोतरा।
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Om arham
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