साध्वी श्री गुप्ती प्रभा जी आदि ठाणा 4 के पावन सानिध्य में ते.म.म.रायपुर ने "करे स्वयं की खोज" विषय के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया। साध्वी श्री जी द्वारा समुच्चारित नमस्कार महामंत्र व मंगलाचरण के पश्चात साध्वी श्री मौलिक यशा जी ने मृदुता की अनुप्रेक्षा करवाई। उन्होंने बताया की ध्यान रूपी चाबी से हम आत्मा रूपी ताले को खोल अपनी अनंत शक्तियों को प्राप्त कर सकते हैं। साध्वी श्री भावित यशा जी ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया व प्रेक्षाध्यान से जीवन को संवारने के अमूल्य टिप्स दिए।
विशेष वक्ता शीतल बोथरा ने अपनी आकर्षक वक्तव्य शैली में कहा कि हम लक्ष्य बनाये, सकारात्मक प्रयास करें, अपनी गलतियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार न ठहराएँ व दृढ आत्मविश्वास के साथ हर असफलता को पार करें। सफलता अवश्य मिलेगी।
साध्वी श्री गुप्ती प्रभा जी ने अपने मंगल उद्बोधन में युवती को संघर्षशील होने की प्रेरणा दी व फ़रमाया की हम कर्मों की परतों को हटा आत्मा अवलोकन करें, अपनी अनंत शक्तियों से परिचित हों। प्रतिक्रमण सीखो के अंतर्गत ज्ञान दर्शन व चारित्र के अतिचार पर लिखित प्रतियोगिता में 50 से ज्यादा महिलाओं ने भाग लिया। सफल संचालन प्रमिला बरलोटा, सुनीता बेंगानी, ज्योति बेंगानी, पूजा डागा, ललिता डागा, दुर्गा सिंघी, रेखा कुण्डलिया व उषा कुण्डलिया ने किया। संवाद साभार : सुनीता बेंगाणी, JTN से प्रदीप पगारिया
प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़ से संजय वैद मेहता, देव चावत
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