रायपुर लाल गंगा पटवा भवन मे दिनांक 12 जून को महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री संगीत श्री जी आदि ठाणा 4 के पावन सानिध्य में तीन मुमुक्षो का मंगल भावना समारोह आयोजित किया गया। केसिंगा ओडिशा निवासी श्री भरत ज्योती जैन के तीनो बच्चे मूमुक्षु कल्पना, आँचल व् कृष आगामी 13 जुलाई को गुवहाटी में गुरु महाश्रमण जी के कर कमलो से संयम रत्न प्राप्त कर भवसागर पार करने जा रहे है।
साध्वी श्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र की पावन ध्वनि से कार्यक्रम की भव्य शुरुवात हुई।स्थानीय तीनो संस्थाये सभा, तेयुप व् महिला मंडल के अध्यक्षों ने मुमुक्षुओ को भाव भरी विदाई दी। रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव व् ओडिशा से पधारे 500 से भी अधिक संख्या में उपस्थित जन समुदाय की आँखें नम थी। छोटी सी वय मे संयम जैसा दुस्कर मार्ग अपनाना कोई शूरवीर ही कर सकता है।
तीनो मुमुक्षोओ में अपने विचारो को सभी के समक्ष रखा व् बताया की संयम मार्ग पर चलकर वे आत्मोथान की और निरंतर अग्रसर है। सांसारिक विषयो मे फसकर कर्म बंधन करने की अपेक्षा समाधीस्त जीवन जीना ही श्रेयस्थकर है।
साध्वी कमल विभा जी व् साध्वी मुदित यशा जी ने भी ओजस्वी वक्तत्व दिया। साध्वी संगीत श्री जी ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा की किसी एक व्यक्ति में भी वैराग भाव प्रस्फुरित होता है तो यह उनके चातुर्मास की उपलब्धि होगी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी शांति प्रभा जी ने किया। शैलेन्द्र नगर निवासी विनोद जी बरलोटा के निवास से पटवा भवन तक विशाल बरघोडा निकाला गया। मूमुक्षुओ का भव्य स्वागत किया गया।
साध्वी श्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र की पावन ध्वनि से कार्यक्रम की भव्य शुरुवात हुई।स्थानीय तीनो संस्थाये सभा, तेयुप व् महिला मंडल के अध्यक्षों ने मुमुक्षुओ को भाव भरी विदाई दी। रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव व् ओडिशा से पधारे 500 से भी अधिक संख्या में उपस्थित जन समुदाय की आँखें नम थी। छोटी सी वय मे संयम जैसा दुस्कर मार्ग अपनाना कोई शूरवीर ही कर सकता है।
तीनो मुमुक्षोओ में अपने विचारो को सभी के समक्ष रखा व् बताया की संयम मार्ग पर चलकर वे आत्मोथान की और निरंतर अग्रसर है। सांसारिक विषयो मे फसकर कर्म बंधन करने की अपेक्षा समाधीस्त जीवन जीना ही श्रेयस्थकर है।
साध्वी कमल विभा जी व् साध्वी मुदित यशा जी ने भी ओजस्वी वक्तत्व दिया। साध्वी संगीत श्री जी ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा की किसी एक व्यक्ति में भी वैराग भाव प्रस्फुरित होता है तो यह उनके चातुर्मास की उपलब्धि होगी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी शांति प्रभा जी ने किया। शैलेन्द्र नगर निवासी विनोद जी बरलोटा के निवास से पटवा भवन तक विशाल बरघोडा निकाला गया। मूमुक्षुओ का भव्य स्वागत किया गया।
संवाद साभार - श्रीमती सुनीता बेंगाणी
अभातेयुप जैतस छत्तीसगढ़ से प्रदीप पगारिया
0 Comments
Leave your valuable comments about this here :