दिनांक 12/06/2016 मुनिश्री सुव्रत कुमारजी के सानिध्य में तेरापंथ भवन सवदत्ति (कर्नाटक) में "बच्चों में संस्कार निर्माण " कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मुनिश्री ने बच्चों को संस्कारित होने की प्रेरणा दी। मुनिश्री ने कहा पोषक का दायित्व होता है बच्चों को सद्संस्कार दे। बच्चों में संस्कारो की जागृति बनी रहे इसके लिए प्रयत्नशील रहे। कार्यक्रम में ज्ञानशाला के बच्चों ने संस्कार निर्माण के ऊपर कव्वाली के माध्यम से सुन्दर प्रस्तुति दी। कन्या मंडल द्वारा गीत के माध्यम से जैन संस्कारो की झांकी प्रस्तुत की। कार्यक्रम में उत्तर कर्नाटक एरिया समिति के अध्यक्ष श्री बाबुलालजी जीरावला,सिंधनुर से समागत गौतमजी नाहर ने अपने विचार व्यक्त किये।
इसी अवसर पर मुनिश्री ने फरमाया तेरापंथ धर्मसंघ एक महान धर्मसंघ है। आचार्य अपनी गहरी सुझबुझ से अपनी पीछे की व्यवस्था बहुत मजबूत करते है। आचार्य श्री महाश्रमणजी ने मुख्य मुनि की व्यवस्था करके पुरे धर्मसंघ को निश्चिन्त बना दिया है। पूरा धर्मसंघ आचार्य के प्रति कृतज्ञ है।"मुख्य मुनि" महावीर मुनि के अभिनन्दन के उपलक्ष में मुनिश्री सुव्रत कुमारजी ने स्वरचित "संघ की महिमा का नहीं पार महातपस्वी महाश्रमण ने दिया हमें उपहार...."सुन्दर गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन जगदीश कोठारी ने किया।
इसी अवसर पर मुनिश्री ने फरमाया तेरापंथ धर्मसंघ एक महान धर्मसंघ है। आचार्य अपनी गहरी सुझबुझ से अपनी पीछे की व्यवस्था बहुत मजबूत करते है। आचार्य श्री महाश्रमणजी ने मुख्य मुनि की व्यवस्था करके पुरे धर्मसंघ को निश्चिन्त बना दिया है। पूरा धर्मसंघ आचार्य के प्रति कृतज्ञ है।"मुख्य मुनि" महावीर मुनि के अभिनन्दन के उपलक्ष में मुनिश्री सुव्रत कुमारजी ने स्वरचित "संघ की महिमा का नहीं पार महातपस्वी महाश्रमण ने दिया हमें उपहार...."सुन्दर गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन जगदीश कोठारी ने किया।
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