चेन्नई, 11 जून। आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री प्रशांतकुमार आदि ठाणा 3 एवं तमिलनाडू के गवर्नर डा. K .रौसैया की मुलाकत चेन्नई स्थित राजभवन में हुई ।
इस अवसर पर मुनि प्रशांत कुमार जी ने फरमाया कि आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का प्रवर्तन कर देश में चारित्रिक और नैतिकता के उत्थान का महनीय कार्य किया। आचार्य महाप्रज्ञ जी ने और आगे बढते हुए अहिंसा यात्रा के माध्यम से उसे आगे बढ़ाया। वर्तमान में आचार्य महाश्रमणजी सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के उद्देश्यों के साथ अहिंसा यात्रा करते हुए दिल्ली, नेपाल, भूटान, बिहार , कोलकाता होते हुए दो साल पश्चात चेन्नई पधारने वाले है। मुनिश्री ने राज्यपाल को उस दौरान होनेवाले कार्यक्रमों में आमन्त्रित करते हुए अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया। महामहिम राज्यपाल ने मुनिश्री को वंदन करते हुए अपने वक्तव्य में आचार्य महाश्रमणजी के चेन्नई चातुर्मास में जो भी कार्यक्रम होंगे उनमें पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया ।
इससे पूर्व रेखा मरलेचा ने मंगलाचरण किया । श्री देवीचंद मरलेचा ने अपने वक्तव्य में महामहिम राज्यपाल को बताया कि कि 50 वर्षों पूर्व आचार्य तुलसी चेन्नई पधारे थे और अब आचार्य श्री महाश्रमणजी चेन्नई पधारने वाले है।
तेयुप अध्यक्ष श्री विकास सेठिया एवं शिक्षा प्रभारी श्री जितेन्द्र मालु ने आचार्य श्री तुलसी के महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य मे "अर्पण" साहित्य एवं आचार्य श्री महाश्रमणजी के दीक्षा दिवस के उपलक्ष्य मे "THE FREEDOM OF SORROW" साहित्य भेंट की।
चेन्नई सभा , तेयुप , महिला मण्डल , अणुव्रत समिति , जीवन विज्ञान अकादमी , तेरापंथ विद्यालय ऐजुकेशनल ट्रस्ट, टीपीएफ आदि सभी संस्थाओं ने राज्यपाल जी का सम्मान किया । चेन्नई महिला मंडल ने नारी लोक और कन्या बचाओ पुस्तक राज्यपाल को भेंट की।
श्री राकेश खटेड ने सत्र का संचालन करते हूए अहिंसा यात्रा की पूरी जानकारी अग्रेजी में राज्यपाल जी को दी। आभार ज्ञापन सभा मंत्री श्री विमल चिपड ने किया ।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्र गान का संगान हुआ । मंगल पाठ की ध्वनि से राज्यपाल भवन का वातावरण पवित्र हो गया।
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