गंगाशहर 21 जून। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में आशीर्वाद भवन के प्रांगण में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस उत्साहवर्धक वातावरण में मनाया गया। मुनिश्री राजकरण जी एवं मुनिश्री पानमल जी के पावन सान्निध्य मे आयोजित इस कार्यक्रम में जैन विष्व भारती विष्वविद्यालय से समागत प्रो. अषोक भास्कर ने योगिक क्रियाओं एवं योगासनों का अभ्यास करवाया। उनके साथ दषरथ सिंह, धीरेन्द्र बोथरा, सांखला भी सहयोगी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। मुनि पीयूष कुमार ने योग साधकों को संबोधित करते हुए कहा आत्मा का परमतत्व के साथ मिल नही योग कहलाता है। हालांकि यह शारीरिक सुदृढता एवं स्वास्थ्य की से भी उपयोगी है परन्तु इसका मूलभूत उद्देष्य आत्म शुद्धि ही है।
योग के इस सत्र में भाग लेने हेतु प्रातः 5:15 से ही साधक जुटना शुरू हो गए थे और कुछ ही देर में आषीर्वाद का विषाल प्रांगण खचाखच भर उठा। बाद में समागत योग साधकों हेतु एक अन्य प्रांगण में समानान्तर व्यवस्था की गई। कार्यक्रम में गंगाषहर, बीकानेर एवं भीनासर के योग रसिक लोग शामिल हुए। इसके साथ ही बीकानेर पुलिस से संबद्ध लगभग 100 ट्रेनी भी इसका हिस्सा बने। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के महामंत्री जैन लूणकरण छाजेड़ ने आम जनता का उत्साह के साथ भाग लेने हेतु सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आम जनता को घर से आषीर्वाद भवन तक लाने हेतु प्रमुख क्षेत्रों में गाड़ियों की व्यवस्था शान्ति प्रतिष्ठान द्वारा की गयी। छाजेड़ ने बताया कि 22 जून को जीवन प्रबंधन गुरू हनुमान भक्त
पं. विजयषंकर मेहता का विषेष व्याख्यान प्रातः 8:30 बजे नैतिकता का शक्तिपीठ परिसर में एयरकूलर पंडाल में होगा। उन्होंने आम जनता से इस अवसर का लाभ उठाने का आहृान किया है।
प्रेषक : लूणकरण छाजेड़
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