मेघनगर (म.प्र.)सन्तुलित शिक्षा से ही जीवन का निर्माण सम्भव हे।वर्तमान की शिक्षा गलत तो नही किन्तु उसमे अधूरापन अवश्य हे क्योकि इसमें शारीरिक और बौद्विक विकास पर बल दिया जाता हेजबकि सर्वागीण विकास के लियें मानसिक और भावात्मक विकास भी जरूरी हे।उक्त विचार आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य तपोमूर्ति मुनि श्री पृथ्वीराज जी ने श्री बाफना पब्लिक स्कुल में अपने प्रवचन के दौरान व्यक्त किये।
पब्लिक स्कुल में आयोजित उक्त समारोह में चैतन्य मुनि ने कहा की छात्र छात्राओ में अनेक प्रतिभाए छिपी हुई हे किन्तु उन प्रतिभाओ को तराश कर प्रकट करने के लिए सत् संस्कार रूपी छेनी से कांटछांट करनी होगी। इस अवसर पर मुनि श्री अतुल कुमार जी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।कार्यक्रम में श्री बाफना स्कुल के व्यवस्थापक विनीत बाफना ने स्वागत भाषण दिया ।कार्यक्रम का कुशल संचालन ड्राइंग शिक्षक धर्मेन्द्र जी ने किया।इस गरिमामय कार्यक्रम में विद्यालय के मुख्य प्रबन्धक यशवन्त बाफना, मदनलाल मूणत, अरुण मूणत ,महेश मेहता ,अमित मेहता ,अर्हम मेहता जैनम जैन आदि सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राए उपस्थित थे।
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