उत्तर हावड़ा महिला मंडल ने अखिल भारतीय महिला मंडल द्वारा निर्देशित दम्पति कार्यशाला का आयोजन मुनि श्री धर्मरुचि जी एवं मुनि श्री आलोक कुमार जी के सानिघ्य मे किया। जिसका विषय था-"दोनों हाथ एक साथ" जिसमे 60 जोड़ो ने और 200 लोगो ने भाग लिया।
पूज्य गुरुदेव महाप्रज्ञ जी के शुभ जन्मदिन पर ॐ रिंग नमो महाप्रज्ञ नमः के जाप से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
मुनिश्री हिम कुमार जी ने फरमाया पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक होते है दोनों में से एक भी ख़राब हो तो जिंदगी ख़राब हो जाती है उसी तरह यदि हमारे भाव ख़राब हो तो भव ख़राब हो जाता है। हमे स्वयं को देखना चाहिए। जैसा हम देंगे वैसा ही पाएंगे।
"अगर दिल किसी का दुखाया न होता ज़माने ने तुझको सताया न होता "गीतिका का बहुत ही सुंदर प्रस्तुति की।
मुनि श्री आलोक कुमार जी ने फरमाया की जो एक दूसरे की गरिमा बनाये रखते है वो दम्पति होते है।दाम्पत्य जीवन सुखी करने के लिए मुनिश्री ने 5 बिन्दुओ पर विशेष प्रकाश डाला।
1-लेना सीखे-अच्छाइयों को,गुणों को लेना सीखे
2-देना सीखे -एक दूसरे को धन्यबाद देना सीखे
3-कहना सीखे- कब कहे,कैसे कहे सीखे। व्यंगात्मक न बोले।
4-सहना सीखे-एक दूसरे को सहने का प्रयास करे।कोई बात हो जाय तो क्षमायाचना करना करे ।
5-रहना सीखे-शांति व आनंद के साथ रहना सीखे।
मुनिश्री आलोक कुमार जी ने सभी बिन्दुओ को रोचक घटना एवं प्रसंग के माध्यम से समझाया। मुनि श्री ने कहा की जितनी समस्या को दिमाग में रखोगे उतने उलझते जाओगे इसलिए समस्या को ज्यादा देर तक पनपने न दे। एक दूसरे के प्रति कर्तव्यों को ध्यान में रखते हो दाम्पत्य जीवन को खुशहाल बनाये।
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