Top Ads

गुरु का महत्त्व-शासनश्री साध्वीश्री नगिना

कांदिवली मुम्बई. आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या शासन श्री साध्वी श्री नगीना जी के सानिध्य में स्वस्तिकार में"नमस्कार महामंत्र"की लयबद्ध ध्वनि के साथ कांदिवली तेरापंथ महिला मंडल के मंगल गान ने त्रिदिवसीय कार्यक्रम का आगाज़ किया।साध्वी श्री नगीना जी ने कहा भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान महत्वपूर्ण होता है, गुरु को हृदय का देवता मानते हैं। अज्ञान रूपी अंधकार की घटाओं में गुरु ज्ञान रूपी सूर्य है।सिन्दूरप्रकरणं में आचार्य सोमप्रभ ने गुरु का दायित्व क्या है अथवा वो क्या करते हैं इसका विश्लेषण करते हुए कहा है विदलयति कुबोधम् बोधयत्यागमार्थ सुगति कुगति मार्गो पुण्यपापे व्यनाक्त अवगम्यति कृष्ण कृष्णभेदम् गुरुर्यो भवजलनिधि पोतस्तं बिना नास्ति कश्चित्।
साध्वी नगीना जी ने कहा जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाये,अज्ञान से ज्ञान की और बढ़ाए,मिथ्यात्व से सम्यक्त्व की दीक्षा देता है।साध्वी मेरु प्रभा एवं मयंकप्रभा ने गुरु के महत्व को उजागर करते हुए श्रद्धा से गुरु को करे हम वंदना सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की।साध्वी श्री गवेषणा जी ने गुरु गरिमा को व्याख्यायित किया एवं कहा गुरु कुंभकार,शिल्पकार एवं माली की उपमा से उपमित होते हैं,शिष्य के व्यक्तित्व एवं कर्तित्व का विकास करते हैं। तेयुप मंत्री श्री विनोद डागलिया ने 'सरगम' कार्यक्रम के बारे में बताया। कांदिवली पूर्व अध्यक्ष ने भी अपने विचार व्यक्त किये।मंच का संचालन मलाड तेयुप अध्यक्ष भरत लोढ़ा ने किया। आभार ज्ञापन मंत्री महेश बाफना ने किया। महाश्रमणी साध्वी प्रमुखा जी का  दीक्षा दिवस भी है आप नारी जाती का गौरव हैं।

Post a Comment

1 Comments

Leave your valuable comments about this here :