हैदराबाद
आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या डॉ.पीयूषप्रभाजी आदि ठाणा-4 के पावन सान्निध्य में तेरापंथी सभा, महिला मण्डल एवं तेरापंथ युवक परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में दम्पत्ति शिविर का आयोजन तेरापंथ भवन,हिमायतनगर में किया गया जिसमें 75 दम्पत्तियों ने भाग लिया। शिविर के प्रथम सत्र का शुभारंभ तेयुप एवं महिला मण्डल सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप के किये गए मंगलाचरण से हुआ। तेयुप अध्यक्ष सुनील लुणिया ने तीनों संस्थाओं की ओर से सभी संभागियों का स्वागत किया। साध्वी भावनाश्रीजी ने प्रेक्षाध्यान का प्रयोग करवाया। साध्वीश्री डॉ.पीयूषप्रभाजी ने अपने मंगल उद्धबोधन में कहा "पति -पत्नी जीवन रथ के पहिये हैं। यदि एक भी पहिया खराब हो जाये तो रथ आगे नहीँ बढ़ पाता,इसलिये पति -पत्नी में तालमेल होना अत्यन्त आवश्यक हैं। सहनशीलता, विनम्रता, सामंजस्य तथा सेवा भावना सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए बहुत जरुरी हैं। यह वह रिश्ता है जो जीवन में रस घोलता हैं। इस रिश्ते को मधुर बनायें रखें। साध्वी दीप्तियशाजी ने कहा कि दाम्पत्य जीवन के खुशहाल रहने के लिये एक-दूसरे की बातों को सहन आवश्यक हैं। मुख्य वक्ता एडवोकेट बालचंदजी संचेती ने अपने विचार रखें। द्वितीय सत्र में अनेक आध्यात्मिक एवं मनोरंजक गेम्स आयोजित किये गए। शिविर के आयोजन में सरिता नखत, रेणू बागरेचा, तारा बोहरा, दीपिका मेहता, सुमति धोका, संगीता दूगड़, विनोद दूगड़, राहुल सुराणा, प्रकाश दफ्तरी, अमित नाहटा ने सहयोग दिया। सभा के संगठन मंत्री राजेन्द्र बोथरा ने आभार व्यक्त किया।
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