विलेपार्ले : दम्पति शिविर-गृहस्थजीवन की रीढ है-पति/पत्नी
साध्वी श्री अणिमाश्री जी एवं साध्वी मंगलप्रज्ञा जी के सानिध्य में तेयुप विलेपार्ले के सहयोग से वृहद दम्पति शिविर समायोजित हुआ जिसमें मुख्य वक्ता श्री युगराज जैन थे।
साध्वी श्री अणिमा श्रीजी ने कहा कि परिवार रूपी भव्य इमारत के दो मजबूत स्तम्भ है पती-पत्नी।जीवन की रीढ है पति-पत्नी,परिवार रूपी रथ के दो पहिये है पति-पत्नी।जिनमें एक की स्थिति दोनों की प्रगति निर्भर करती है।नारी शक्ति है तो पुरूष पौरूष।बिना पौरूष के शक्ति व्यर्थ है तो बिना शक्ति के पौरूष किसी काम का नही। मुख्य वक्ता युगराज जैन ने कहा कि जीवन साथियों के बीच संवाद होना चाहिए। संवादहीनता की स्थिति में कठिनाईयां आ जाती है। कैसी विडम्बना है कि आज पति पत्नी अपनी फेसबुक पासवर्ड एक दूसरे को नही बताते। साध्वी सभत्वयशा जी ने सुमधुर गीत का संगान किया एवं कुशल संचालन साध्वी मैञीप्रभा जी ने किया। तेयुप एवं महिला मंडल का सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम के विशेष सहयोगी,गटुबाई भवरलाल,हेमा मनोहरलाल,जय,प्राची कोठारी थे।
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