गंगाशहर स्थित शांति निकेतन सेवा केंद्र में चाकरी करने का अपना दायित्व निभा रही आचार्यश्री महाश्रमणजी की आज्ञानुवर्ती सुशिष्या सेवाकेंद्र व्यवस्थापिका साध्वीश्री लज्जावतीजी वय पचहतर वर्ष गुरुवार सांय आहार करने के समय अचानक अस्वस्थ होकर कुछ ही क्षणों में देवलोक गमन कर गयी, संसार की नश्वरता और अनिश्चितता का इससे अधिक और क्या विरल संयोग देखने को मिलेगा, कि जो कुछ देर पहले स्वंय अपने हाथों से अपना आहार कर रही थी और दूसरी साध्वियों को आहार करवा रही थी वो यकायक यहाँ से अगली मंजिल के लिए प्रस्थान कर जायेगी.
हालाँकि सेवा केंद्र की दूसरी व्यवस्थापिका साध्वीश्री प्रबलयशाजी ने अन्य साध्वियों के साथ श्रावको एवं श्राविकाओं की उपस्थिति में रात्रि 7.20 बजे उन्हें चोविहार संथारा का प्रत्याख्यान भी करवाया और धर्माराधना भी सुनाई लेकिन गुरुवार रात्रि ही आधे घंटे पश्चात ही 7.50 बजे साध्वी लज्जावती जी अरिहंत शरण हो गयी.
ठीक एक मुहर्त पश्चात उनकी पार्थिव देह को साध्वियों ने श्रावक समाज को सुपुर्द कर दिया. रात भर समाज की सभा संस्थाओं के सदस्यों ने जप ध्यान एवं आध्यात्मिक उपदेशात्मक गीतों का संगान कर वातावरण को धर्म मय बनाये रखा. जैसे जैसे साध्वी जी के देवलोकगमन के समाचार फैला वैसे वैसे आस पास के गंगाशहर, बीकानेर, भीनासर एवं उदासर आदि क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का शांतिनिकेतन की तरफ आवागमन प्रारम्भ हो गया.
शुक्रवार प्रातः 10.15 उनकी पार्थिव देह को सजी धजी बेन्कुंठी में बिठाकर शांतिनिकेतन से रवाना हुई जो गंगाशहर के मुख्य मार्गों से होते हुए पुरानी लाईन स्थित शमशान गृह पहुंची जहाँ पर सरदारशहर, भीलवाडा, दिल्ली से आये हुए उनके पारिवारिक जनों ने उनकी पार्थिव देह को अग्नि प्रदान की, समाज के लागों ने उच्च स्वरों में चार लोग्गस का ध्यान किया, इस अवसर पर समाज की सभी सभा संस्थाओं के बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए.
साध्वीश्री लज्जावतीजी - जीवन परिचय
जन्म : वि.सं1998 , चैत्र शुक्ला 9
जन्म स्थल : सरदारशहर (राजस्थान)
पिता का नाम : श्री सोहनलालजी सेठिया
माता का नाम : श्रीमती छगनी बाई
दीक्षा : तेरापंथ द्वि-शताब्दी के अवसर पर संवत 2017आषाढ़ शुक्ला 15 को
(साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी के साथ कुल 17 दीक्षाओं में से दीक्षित एक साध्वीश्री)
जन्म स्थल : सरदारशहर (राजस्थान)
पिता का नाम : श्री सोहनलालजी सेठिया
माता का नाम : श्रीमती छगनी बाई
दीक्षा : तेरापंथ द्वि-शताब्दी के अवसर पर संवत 2017आषाढ़ शुक्ला 15 को
(साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी के साथ कुल 17 दीक्षाओं में से दीक्षित एक साध्वीश्री)
दीक्षा प्रदाता : आचार्य श्री तुलसी
आपने 1 साल राज में एवं करीब 50 वर्षों तक साध्वीश्री सोहनकुमारीजी (छापर) के साथ संघ की सेवा की । अग्रगण्य : 150वें मर्यादा महोत्सव के अवसर पर संवत2014 गंगाशहर में
लगभग पुरे भारतवर्ष की पदयात्रा की , आप मधुर कंठ के धनी, सरल स्वभावी, ऋजुमना साध्वी श्री जी थे ।
आपने 1 साल राज में एवं करीब 50 वर्षों तक साध्वीश्री सोहनकुमारीजी (छापर) के साथ संघ की सेवा की । अग्रगण्य : 150वें मर्यादा महोत्सव के अवसर पर संवत2014 गंगाशहर में
लगभग पुरे भारतवर्ष की पदयात्रा की , आप मधुर कंठ के धनी, सरल स्वभावी, ऋजुमना साध्वी श्री जी थे ।
फोटो साभार : धर्मेन्द्र डाकलिया , अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़ गंगाशहर
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ॐ अर्हम
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