अभातेममं के निर्देशानुसार चेन्नई तेरापंथ महिला मंडल ओर कन्यामण्डल के सयुक्त तत्वावधान में प्रेक्षाध्यान कार्यशाला का आयोजन मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ठाणा - 3 के सान्निध्य में पुरूषवाकम स्थित श्री प्रकाशजी मुथा के निवास स्थान पर रखा गया।
नमस्कार महामंत्र के मंत्रोच्चार से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, तत्पश्चात महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण किया, अध्यक्षा मीना जी पुनमिया ने आगन्तुक का स्वागत किया।
मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ने फरमाया ध्यान की अनेक प्रक्रिया है जिसमें प्रेक्षाध्यान एक विशेष प्रक्रिया है। योग, आसन, प्राणायाम तो ध्यान की प्रारम्भिक क्रियाएं है। यह तो इसलिए करवाते हैं कि शरीर में हल्कापन महसूस होता है और कार्य करने में उर्जा का संचार होता है।
ध्यान के अनेक प्रयोग में एक श्वास प्रेक्षा भी है जिसके भी अलग - अलग प्रयोग होते हैं श्वास हमेशा लम्बा होना चाहिए जिससे मन शांत होता है।
प्रेक्षाध्यान करने से शारीरिक, मानसिक सभी तरह के समाधान पा सकते हैं।
सुनने से नहीं हमारे वास्तविक जीवन में प्रयोग करने से ही लाभ मिलता है। हर तरह की समस्या का समाधान है, प्रेक्षाध्यान।
मुनिश्री जी ने पच्चीस बोल के पहले पांच बोल अर्थ सहित बहनों को समझाया और फरमाया पच्चीस बोल तत्वज्ञान का बेसिक ज्ञान है। तत्वज्ञान सिखना हो तो पच्चीस बोल पहले सिखना बहुत जरूरी होता हैं।
प्रेक्षाध्यान संयोजिका श्रीमती वसंता बाबेल ने सभी बहनों और कन्याओं को कायोत्सर्ग, ज्योति केंद्रप्रेक्षा और सकारात्मक सोच की अनुप्रेक्षा, आदि करवाये और प्रशिक्षण भी दिया। कार्यक्रम में महिला मंडल की बहनों और कन्यामंडल की अच्छी उपस्थिति थी। धन्यवाद कन्यामंडल संयोजिका भावना भंसाली ने और कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री पुष्पा जी हिरण ने किया।
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