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समय का सदुपयोग करे : आचार्यश्री महाश्रमण

- शांति सेना संग शांतिदूत का जलपाईगुड़ी की सीमा में प्रवेश - 
- आचार्यश्री के आह्वान पर ग्रामीणजनों ने स्वीकारे अहिंसा यात्रा के संकल्प -
आचार्यश्री महाश्रमणजी

          24 जनवरी 2017 भोटपट्टी, जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल)(JTN) : चांगड़ाबंधा में दो दिवसीय प्रवास सुसम्पन्न कर भारत-बंगलादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर दोनों देशों के जवानों को शांति का संदेश प्रदान कर मंगलवार को शांतिदूत अपनी शांति सेना के साथ लगभग नौ किलोमीटर का विहार कर जलपाईगुड़ी की सीमा में प्रवेश कर गए। जलपाईगुड़ी जिले के भोटपट्टी गांव स्थित भोटपट्टी हनुमान बक्श लोहिया हायर सेकेण्ड्री स्कूल महातपस्वी आचार्यश्री के चरणरज से पावन होने वाला पहला गांव बना। आचार्यश्री ने विद्यालय प्रांगण में जुटे श्रद्धालुओं को समय का सदुपयोग करने का ज्ञान प्रदान किया तो वहीं आह्वान कर ग्रामीणों को अहिंसा यात्रा के संकल्प भी प्रदान किए। आचार्यश्री के इस कृपा से ग्रामवासी भी आह्लादित थे। उनके जीवन का मानों यह अद्भुत मौका था, जब कोई महासंत स्वयं उनके गांव में पहुंचकर उनके बुराइयों से दूर होने की प्रेरणा प्रदान कर रहा था। 
पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश के बाद से कूचबिहार में यात्रायित अहिंसा यात्रा के प्रणेता, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ मंगलवार को प्रातः की मंगल बेला में मंगल प्रस्थान किया। आज का विहार पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश के बाद से ही अहिंसा यात्रा का सहचर बना कूचबिहार जिला विदा लेने वाला था। लगभग नौ किलोमीटर की यात्रा कर आचार्यश्री भोटपट्टी हनुमान बक्श लोहिया हायर सेकेण्ड्री स्कूल के प्रांगण में पहुंचे। 
विद्यालय प्रांगण में बने प्रवचन पंडाल में उपस्थित तेरापंथी श्रद्धालुओं संग भोटपट्टी के ग्रामीणों को आचार्यश्री ने अपनी अमृतवाणी का रसपान कराते हुए कहा कि यह मनुष्य जीवन अस्थिर है। जैसे पेड़ का पका हुआ पत्ता किसी भी समय गिर जाता है, वैसे ही इस मनुष्य जीवन का कब अंत हो जाए, कहा नहीं जा सकता। इसलिए आदमी को जागरूक रहकर अपने समय का सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए और क्षण मात्र भी प्रमाद करने से बचने का प्रयास करना चाहिए। आचार्यश्री ने कहा कि पानी के प्रवाह को रोका जा सकता है, किन्तु समय के प्रवाह को रोक पाना संभव नहीं। इसलिए आदमी को समय का समुचित प्रबन्धन करने का प्रयास करना चाहिए। समय का अच्छा उपयोग करने वाला आदमी दुनिया का अच्छा आदमी और समय का घटिया उपयोग करने वाला घटिया आदमी हो सकता है। इसलिए आदमी को समय का सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। विवेकपूर्ण ढंग से आदमी अच्छे कार्यों में समय का नियोजन करे तो वह जीवन की विभिन्न ऊंचाईयों को प्राप्त कर सकता है। मनुष्य को अपने समय को आत्म कल्याण की दिशा में लगाने का प्रयास करना चाहिए। आदमी यह ध्यान दे कि उसका समय सामान्य कार्यों में ही समाप्त हो रहा है या किसी धार्मिक कार्य में लग रहा है। आदमी को जीवन अच्छा बनाने और अपनी आत्मा का कल्याण करने के लिए धार्मिक कार्य के लिए समय का नियोजन करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए आचार्यश्री ने श्रद्धालुओं को शनिवार को सायं सात से आठ बजे के बीच सामायिक करने की प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि यह भी आत्मा की विशुद्धता के लिए अच्छा माध्यम हो सकता है।
आचार्यश्री ने उपस्थित ग्रामीणों को अहिंसा यात्रा के तीनों संकल्पों की अवगति प्रदान की और उन्हें स्वीकार करने का आह्वान किया। आचार्यश्री के आह्वान पर ग्रामीणों ने अहिंसा यात्रा के संकल्प स्वीकार कर आचार्यश्री से शुभाशीष प्राप्त किया। 




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