'क्या वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाएं वास्तव में सशक्त हैं।'
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार कोलकाता महिला मंडल द्वारा साध्वी श्री गुप्ति प्रभा जी के सानिध्य मे साउथ सभा में सुबह ९ बजे से कार्यशाला का आयोजन हुआ। नवकार मंत्र व जागृति गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अध्यक्ष श्रीमती अमराव चौरडिया ने आए हुए भाई, बहनों का स्वागत किया और महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं।
साध्वी श्री मौलिकयशा जी ने कहा आत्म बल से ही आगे बढा जा सकता है। साध्वी श्री भावितयशा जी ने सुमधुर गीतिका 'बहनों में जागृति उत्पन्न हो' प्रस्तुत की। समणी मलय प्रभा जी ने तीन रत्न ज्ञान, दर्शन, चरित्र के बारे में जानकारी दी।
श्री बने चंद जी मालू ने कहा सशक्त वह होता है जिसे सहयोग मिलता है। कुछ ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें सहयोग नहीं मिलता, ऐसा नहीं है कि वे सशक्त नहीं है, अवसर मिलने पर उसका उपयोग करती हैं।
साध्वी श्री गुप्ति प्रभा जी ने फरमाया जब तक आत्मा का बोध नहीं होता वह अशक्त है। महिलाएं ऊंची उठी है, मगर बिना स्वार्थ के वे क्या कर रही है? मूल को पकड़े, वही आपको आगे ले जायेगा। बच्चों को संस्कार न दे सके तो उनके आगे पीछे भागने से क्या होगा। सफलता के अनेक बिंदु है। सकारात्मक सोच, नजरिया, लक्ष्य, आत्म विश्वास के साथ जिये।
'क्या वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाएं वास्तव में सशक्त हैं ' विषय पर डिबेट हुई। पक्ष और विपक्ष में क्षेत्रीय शाखाओं की १४ बहनों ने अपने विचार रखे। जज श्रीमती डॉ प्रतिभा कोठारी, श्रीमती डॉ पुखराज सेठिया थे। इसमे प्रथम - प्रीति चौरडिया , द्वितीय - कांता चौरडिया, तृतीय - विनिता बैद रहे।
दूसरे चरण में पच्चीस बोल के ६ से १० तक के बोल की परिक्षा हुई । कार्यक्रम का संचालन मंत्री श्रीमती अंजु दुगड ने किया। कार्यक्रम में ११० भाई बहनों की उपस्थिति रही।
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