22.05.2017 बोलपुर, वीरभूम (पश्चिम बंगाल)ः जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमण अपनी धवल सेना के साथ शांतिनिकेतन से लगभग दो किलोमीटर का विहार कर बोलपुर पहुंचे तो बोलपुरवासी अपनी भाग्य पर इठला उठे। क्योंकि 58 वर्ष पूर्व इस बोलपुर में तेरापंथ के गणाधिपति आचार्य तुलसी का शुभागमन भी हुआ था और आज तेरापंथ के ग्यारहवें अनुशास्ता, शांतिदूत आचार्यश्री का महाश्रमणजी का अपनी अहिंसा यात्रा व धवल सेना के साथ शुभागमन हो रहा था। स्वागत जुलूस के साथ आचार्यश्री बोलपुर स्थित हाईस्कूल परिसर में पहुंचे।
विद्यालय परिसर में ही बने प्रवचन पंडाल में आयोजित मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में सर्वप्रथम तेरापंथ धर्मसंघ की असाधारण साध्वीप्रमुखाजी ने लोगों को अपनी ममतामयी वाणी से सौभाग्य से मिले इस सुअवसर का लाभ उठा अपने जीवन को सफल बनाने को अभिप्रेरणा प्रदान की।
इसके उपरान्त मंचासीन तेरापंथ के महासूर्य ने अपनी अमृतमयी वाणी का रसपान कराते हुए कहा कि आदमी को अग्र और मूल का विवेचन करना चाहिए। आदमी अग्र को जानने और मूल तक पहुंचने का प्रयास करे तो किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। आदमी सतही तौर पर कोई जानकारी कर ले, उसके बावजूद उसके मूल भाग को जाने बिना वह वास्तविकता से दूर रह सकता है। आदमी को ज्ञान के क्षेत्र में गहराई तक जानने का प्रयास करना चाहिए। आदमी जितनी गहराई तक ज्ञानार्जन कर सकता है, वह उस विषय का विशेष ज्ञाता बन सकता है। आचार्यश्री ने लोगों को राग-द्वेष से मुक्त जीवन जीने की मंगल प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री ने बोलपुरवासियों को विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आज बोलपुर में आना आचार्य तुलसी के आगमन की पुनरावृति हो गई। बोलपुरवासियों में खूब धर्म का विकास हो, लोगों के जीवन में सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति रहे, यह काम्य है।
मंगल प्रवचन के उपरान्त उपस्थित गणमान्य लोगों सहित श्रद्धालुओं ने भी आचार्यश्री के समक्ष अपनी भावाभिव्यक्ति दी और आचार्यश्री से मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। इस क्रम में सर्वप्रथम बोलपुर की रहने वाली मुमुक्षु मधुमिता आंचलिया ने अपने आराध्य देव का अपनी धरती पर अभिनन्दन किया और अपने भावसुमन श्रीचरणों में अर्पित किए। बोलपुर तेरापंथ महिला मंडल ने अपनी गीतिका के माध्यम से आचार्यश्री की अभ्यर्थना की। वीरभूम तेरापंथी सभा के मंत्री श्री इन्द्रचंद आंचलिया ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति दी। श्रीमती मधु सुराणा, श्रीमती निला डागा ने भी आचार्यश्री के समक्ष गीत का संगान कर आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री किशोर आंचलिया ने आचार्यश्री के समक्ष अपनी श्रद्धासिक्त भावाभिव्यक्ति दी। श्रीमती नीति सुराणा, सुश्री मनीषा रांका ने गीत के माध्यम से आचार्यश्री की अभ्यर्थना की। बालिका निषा ने भी आचार्यश्री की अपने शब्दों में अभिवंदना की। मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष श्री पवन सहसुरिया ने अपनी विचाराभिव्यक्ति दी। इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक डा. सुप्रियो साहू व ब्रह्मकुमारी मीतूजी ने भी आचार्यश्री के स्वागत में अपने भाव व्यक्त किए। वहीं आचार्यश्री के दर्शन को पहुंचे पश्चिम बंगाल सरकार में मत्स्य विभाग के मंत्री श्री चंद्रनाथ सिन्हा ने आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया और अपनी भावाभिव्यक्ति दी।
विद्यालय परिसर में ही बने प्रवचन पंडाल में आयोजित मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में सर्वप्रथम तेरापंथ धर्मसंघ की असाधारण साध्वीप्रमुखाजी ने लोगों को अपनी ममतामयी वाणी से सौभाग्य से मिले इस सुअवसर का लाभ उठा अपने जीवन को सफल बनाने को अभिप्रेरणा प्रदान की।
इसके उपरान्त मंचासीन तेरापंथ के महासूर्य ने अपनी अमृतमयी वाणी का रसपान कराते हुए कहा कि आदमी को अग्र और मूल का विवेचन करना चाहिए। आदमी अग्र को जानने और मूल तक पहुंचने का प्रयास करे तो किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। आदमी सतही तौर पर कोई जानकारी कर ले, उसके बावजूद उसके मूल भाग को जाने बिना वह वास्तविकता से दूर रह सकता है। आदमी को ज्ञान के क्षेत्र में गहराई तक जानने का प्रयास करना चाहिए। आदमी जितनी गहराई तक ज्ञानार्जन कर सकता है, वह उस विषय का विशेष ज्ञाता बन सकता है। आचार्यश्री ने लोगों को राग-द्वेष से मुक्त जीवन जीने की मंगल प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री ने बोलपुरवासियों को विशेष आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आज बोलपुर में आना आचार्य तुलसी के आगमन की पुनरावृति हो गई। बोलपुरवासियों में खूब धर्म का विकास हो, लोगों के जीवन में सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति रहे, यह काम्य है।
मंगल प्रवचन के उपरान्त उपस्थित गणमान्य लोगों सहित श्रद्धालुओं ने भी आचार्यश्री के समक्ष अपनी भावाभिव्यक्ति दी और आचार्यश्री से मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। इस क्रम में सर्वप्रथम बोलपुर की रहने वाली मुमुक्षु मधुमिता आंचलिया ने अपने आराध्य देव का अपनी धरती पर अभिनन्दन किया और अपने भावसुमन श्रीचरणों में अर्पित किए। बोलपुर तेरापंथ महिला मंडल ने अपनी गीतिका के माध्यम से आचार्यश्री की अभ्यर्थना की। वीरभूम तेरापंथी सभा के मंत्री श्री इन्द्रचंद आंचलिया ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति दी। श्रीमती मधु सुराणा, श्रीमती निला डागा ने भी आचार्यश्री के समक्ष गीत का संगान कर आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री किशोर आंचलिया ने आचार्यश्री के समक्ष अपनी श्रद्धासिक्त भावाभिव्यक्ति दी। श्रीमती नीति सुराणा, सुश्री मनीषा रांका ने गीत के माध्यम से आचार्यश्री की अभ्यर्थना की। बालिका निषा ने भी आचार्यश्री की अपने शब्दों में अभिवंदना की। मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष श्री पवन सहसुरिया ने अपनी विचाराभिव्यक्ति दी। इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक डा. सुप्रियो साहू व ब्रह्मकुमारी मीतूजी ने भी आचार्यश्री के स्वागत में अपने भाव व्यक्त किए। वहीं आचार्यश्री के दर्शन को पहुंचे पश्चिम बंगाल सरकार में मत्स्य विभाग के मंत्री श्री चंद्रनाथ सिन्हा ने आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया और अपनी भावाभिव्यक्ति दी।
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