अणुव्रत असाम्प्रदायिक आंदोलन - मुनि रमेश कुमार
अणुव्रत समिति रायपुर के तत्वाधान में आज से अणुव्रत उद्धबोधन सप्ताह का शुभारंभ मुनि श्री रमेश कुमार जी के सानिध्य में सदर बाजार स्थित अमोलक भवन में उद्घाटन सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें जैन समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता शरद कुमार जैन थे।
अणुव्रत आंदोलन का महत्व बताते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा - अणुव्रत नैतिकता की आचार संहिता है । यह जन जन को नैतिक जीवन जीने की प्रेरणा देता है । यह असाप्रदायिक आंदोलन है । किसी भी धर्म संप्रदाय का अनुयायी इसे स्वीकार कर सकता है । इस आंदोलन से देश में व्याप्त भ्रष्टाचार आतंक और चारित्रिक पतन को रोका जा सकता है । "आचार्य श्री तुलसी की मानवता के लिए "अणुव्रत बहुत बड़ा उपयोगी अवदान है।
"मुनि हेमराज जी ने कहा आचार्य श्री तुलसी के देश में " साम्प्रदायक हिंसा को देखकर इस आंदोलन का सूत्रपात किया। सभी को नैतिकता अपनाने का आहान किया ।
मुख्य अतिथि शरद कुमार जैन ने कहा जैन धर्म में व्रत को दो भागों में बांटा गया है । एक महाव्रत। दूसरा अणुव्रत । महाव्रती पूर्ण त्यागी होते हैं । अणुव्रती एक सीमा तक व्रतों का पालन करते हैं । अणुव्रत को अपनाकर हम अपने जीवन को सुख व शांतिमय बना सकते हैं ।
इससे पूर्व अणुव्रर्ती कार्यकर्ताओं ने अणुव्रत गीत से मंगलाचरण किया।
अणुव्रत समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र जी ओस्तवाल ने अणुव्रत सप्ताह की जानकारी दी। पूर्व अध्यक्ष जीतमल जी जैन ,तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रेमचंद बोरड़ ने अणुव्रत का महत्व बताते हुए इसे स्वीकार करने का आव्हान किया। शरद जैन को साहित्य भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संयोजन सुनील जैन ने कुशलता पूर्वक किया।
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