इचलकरंजी .दिनांक 19.09.2017 को समणी पुण्यप्रज्ञाजी एवं समणी अर्हतप्रज्ञाजी के सानिध्य में अ.भा.ते.यु.प. के तत्वाधान में तेरापंथ युवक परिषद, इचलकरंजी के द्वारा “बारह व्रत कार्यशाला” का आयोजन किया गया|
कार्यशाला का शुभारंभ समणीजी द्वारा नवकार मंत्रोच्चार से हुआ। अभातेयुप द्वारा संप्रेषित बारह व्रत पर प्रदत्त पाथेय बड़े पर्दे पर दिखाया गया। इसके पश्चात समणी अर्हतप्रज्ञाजी ने व्रतों की महत्ता बताते हुए प्रत्येक श्रावक को इसकी अनुपालना करने की प्रेरणा दी| समणी पुण्यप्रज्ञाजी ने अपना उद्बोधन “श्रावक व्रत धारों” गीतिका के साथ प्रारंभ किया| उन्होंने बताया कि भगवान महावीर ने कहा है कि श्रावकों को १२ व्रतों को जरुर अपनाना चाहिए|उन्होंने आगे के दो दिन में १२ व्रतों की संपूर्ण विवेचना कर सभी से स्व:इच्छा से संकल्प स्वीकार करने को कहा| १२ व्रती श्रावक श्राविका के उदाहरण से उन्होंने सब श्रावकों में व्रती बनने की नींव डाल दी|
अंत में तेयुप अध्यक्ष ने समणीजी के प्रती कृतज्ञता अर्पित की| अभातेयुप JTN संपादक संजय वैदमेहता ने हाल ही में तेयुप इचलकरंजी द्वारा पूज्यप्रवर के कोलकाता में दर्शन सेवा की जानकारी दी। कार्यशाला का सुन्दर संचालन मंत्री प्रवीण भंसाली ने किया| कुल 26 लोगों ने बारह व्रत स्वीकार किए ।
कार्यशाला का शुभारंभ समणीजी द्वारा नवकार मंत्रोच्चार से हुआ। अभातेयुप द्वारा संप्रेषित बारह व्रत पर प्रदत्त पाथेय बड़े पर्दे पर दिखाया गया। इसके पश्चात समणी अर्हतप्रज्ञाजी ने व्रतों की महत्ता बताते हुए प्रत्येक श्रावक को इसकी अनुपालना करने की प्रेरणा दी| समणी पुण्यप्रज्ञाजी ने अपना उद्बोधन “श्रावक व्रत धारों” गीतिका के साथ प्रारंभ किया| उन्होंने बताया कि भगवान महावीर ने कहा है कि श्रावकों को १२ व्रतों को जरुर अपनाना चाहिए|उन्होंने आगे के दो दिन में १२ व्रतों की संपूर्ण विवेचना कर सभी से स्व:इच्छा से संकल्प स्वीकार करने को कहा| १२ व्रती श्रावक श्राविका के उदाहरण से उन्होंने सब श्रावकों में व्रती बनने की नींव डाल दी|
अंत में तेयुप अध्यक्ष ने समणीजी के प्रती कृतज्ञता अर्पित की| अभातेयुप JTN संपादक संजय वैदमेहता ने हाल ही में तेयुप इचलकरंजी द्वारा पूज्यप्रवर के कोलकाता में दर्शन सेवा की जानकारी दी। कार्यशाला का सुन्दर संचालन मंत्री प्रवीण भंसाली ने किया| कुल 26 लोगों ने बारह व्रत स्वीकार किए ।
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Om arham
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