आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य तपस्वी मुनि श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी आदि ठाणा 3 के सानिध्य में दिनांक 21.09. 2017 से 29.09.2017 तक नवरात्री के दौरान केंद्र द्वारा निर्देशित नवाह्निक आध्यात्मिक जप अनुष्ठान साथ मे भक्तामर यन्त्र की विशेष साधना का तेरापंथ भवन में शुभारम्भ हुआ।इसके लिए निम्न रूप में साधना का क्रम चला।
समय प्रातः 9 05 Am
प्रतिदिन नियत स्थान पर बैठकर
पुरुष श्वेत वस्त्र
महिलाऐं प्रतिदिन निर्देशित परिधान
प्रतिदिन दस प्रत्याख्यान में से एक का त्याग
जमीकंद का परिहार
ब्रह्मचर्य की साधना ।इस अनुष्ठान में 30 जोड़े स्वास्तिक के आकार में बैठकर साधनारत रहे।और भी भाई बहनों ने भी अच्छी संख्या में अपनी सहभागिता दर्ज करवाई।इस तरह का अनुष्ठान ईरोड में प्रथम बार हो रहा है।मुनिश्री ने सभी को विशेष प्रेरणा देकर अनुष्ठान की महत्ता बताई।मुनिश्री ने फरमाया यह अनुष्ठान आत्म शुद्धि के लिए किया जाता है।इससे जीवन मे विशेष शक्ति प्राप्त होती है।प्रतिदिन के अनुष्ठान के बाद सहभागियों ने एक अलग ही शक्ति जागरण का महसूस किया।इस अनुष्ठान को सफल बनाने में श्री कमल सिंघी ने संयोजक के रूप में अपनी सेवाएं दी साथ ही सभा के सह मंत्री श्री राजेश बोथरा ने भी विशेष श्रम का नियोजन किया।सभा द्वारा सभी संभागियों के प्रति मंगलकामना प्रेसित की गई और मुनिवृन्द के प्रति बहुत बहुत कृतज्ञता ज्ञापित की गई।
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