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कोयम्बटूर महिला मंडल द्वारा रंगोली एवम ग्रीटिंग कार्ड प्रतियोगिता आयोजित

कोयम्बत्तूर . मुनि प्रशांत कुमार जी,मुनि कुमुद कुमार जी जी की प्रेरणा से आध्यामिक रंगोली एवं ग्रीटिंग कार्ड प्रतियोगिता का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल द्वारा किया गया। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा-रंगोली में विभिन्न तरह के रंगों का समायोजन किया जाता है और अपनी कला की अभिव्यक्ति दी जाती है वैसे ही अपने जीवन में वैराग्य,ज्ञान,विज्ञान,भक्ति और सद्व्यवहार के रंगों का समायोजन करें। जीवन को कलापूर्ण बनाएं। दीपक जैसे अंधकार को हटाकर प्रकाश फैलाता है,वैसे ही जीवन में छाए बुरे विचारों,बुरी प्रवृत्तियों और गलत आदतों के अंधकार को हटाकर सदविचार और सदाचार की रोशनी से जीवन को परिपूर्ण बनाएं। दीपावली से पूर्व अपने मन को भी स्वच्छ बनाकर वहां नए रंग भरें। भारत विविध प्रांत,जाति,धर्म,भाषा भारत की एकता की पहचान है वैसे ही रंगोली में अनेक रंग मिलकर इसे पूर्ण बनाते हैं। जीवन में कला का महत्वपूर्ण स्थान है। जीवन कलापूर्ण तब होता है जब व्यक्ति अपने जीवन को जीना जानता है। ग्रीटिंग कार्ड प्रतियोगिता में कला प्रेरणा एवं शिक्षाप्रद होना जरूरी है। ग्रीटिंग कार्ड में जैसे अनावश्यक पेपर को कांट-छांट किया जाता है वैसे ही जीवन में अवगुणों की कटाई करें। हमारा जीवन दूसरों के लिए प्रेरणादायी बन सके।वेस्ट को बेस्ट बना सके। हमारा जीवन आध्यात्मिक,वैज्ञानिक एवं कलात्मक बने ऐसा प्रयास हो तो जीवन में बदलाव अवश्य आता है।
 महिला मंडल की मीडिया प्रभारी सुमन सुराणा ने बताया कन्या मंडल एवं महिला मंडल के लिए दोनों प्रतियोगिता आयोजित की गई। निर्णायक श्रीमती करुणा हिंगड़ एवं पदमा गोलेछा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस प्रकार के रचनात्मक कार्य की सराहना की। देव गुरु धर्म पर आधारित ग्रीटिंग प्रतियोगिता एवं दीपावली थीम पर रंगोली प्रतियोगिता में ज्ञानशाला के बच्चे,कन्या मंडल एवं महिला मंडल की बहनों ने भाग लिया। कार्ड में प्रथम मोनिका लूणिया,द्वितीय मानसी कांकरिया एवं तृतीय स्थान निहार गोलछा ने प्राप्त किया। रंगोली में प्रथम सुमन सुराणा मृदु गोलछा,द्वितीय प्रेक्षा एवं साक्षी बोकाड़िया एवं तृतीय स्थान गुणवंती बोहरा एवं मधु चोरड़िया ने प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन बबीता गुनेचा,चित्रा गोलछा ने किया। सुश्री भावना बोथरा एवं अंजलि नाहटा ने विशेष स्थान प्राप्त किया।





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