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तेयुप कोयम्बटूर द्वारा कहानी प्रतियोगिता का आयोजन

समाज एवं राष्ट्र की धरोहर है संस्कार-मुनि प्रशांत 

मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य एवं मुनि कुमुद कुमारजी के मार्गदर्शन में तेरापंथ युवक परिषद द्वारा संस्कारो की महिमा गाएं कहानी प्रतियोगिता आयोजित हुई ।


सभा को संबोधित करते हुए मुनि प्रशान्त कुमार जी ने कहा- कहानी सबको अच्छी लगती है। कहानी में इतिहास, मनोरंजन, प्रेरणा, सीख, संसार एवं जीवन का यथार्थ का बोध होता हैं। कहानी कई विद्याओं में मिलती है। पुराने समय में दादी नानी कहानी के माध्यम से बच्चों को जीवन के धर्म के संस्कारों का बीजारोपण कर देते थे। भारतीय साहित्य में ज्ञान का विशाल कोष है। जितनी विनम्रता बढ़ेगी उतना ज्ञान भी बढ़ेगा। हमारे भीतर सीखने की ललक हमेशा रहनी चाहिए । आज के इस मोबाइल , लेपटॉप , इंटरनेट के युग में व्यक्ति इतना उलझ गया कि अपने जीवन व्यवहार को भी भूलता जा रहा है।जीवन में आगे बढ़ना है तो अपने मन,वचन पर संयम रखना चाहिए। कहानी कथा को हम केवल मनोरंजन का ही माध्यम ना समझे अपितु उससे शिक्षा को ग्रहण करें । जीवन में परिवर्तन के लिए मौलिक शिक्षा का होना जरूरी है । हमारे जीवन का कौनसा पल कौनसा वाक्य हमारे लिए स्वर्णिम होता है वह हमारे लिए अज्ञात है। प्रतियोगिता का आयोजन व्यक्तित्व विकास का माध्यम बनता है। ज्ञान विकास के साथ बोलने की कला का भी विकास होता है । संस्कार ही समाज विरोधी राष्ट्र की धरोहर होती है । आदर्श पुरुषों का जीवन दर्शन भी हमें अवश्य पढ़ना चाहिए। साहित्य का जितना अध्ययन किया जाए उतना ही अच्छा हमारा सदाचरण बनता है ।

श्रीमती रूपकला भंडारी ने तीर्थंकर प्रभु की स्तुति की । तीन वर्ग में प्रतियोगिता आयोजित की गई। सिनियर ग्रुप में प्रथम स्थान वंदना पारख द्वितीय स्थान गुणवंती बोहरा तृतीय स्थान महक भंडारी को मिला। जुनियर ग्रुप में प्रथम स्थान महक सुराणा द्वितीय स्थान करिश्मा भंडारी तृतीय स्थान पुर्वी गोलछा को मिला। मास्टर ग्रुप में तनिष्क भंडारी ,अंजलि नाहटा एवं नेहल गोलछा ने प्राप्त किया। निर्णायक का दायित्व श्री महेंद्र जी बैंगाणी व श्रीमती बबीता जी गुनेचा ने निभाया । समय पालक की भुमिका संदीप बैद ने पुर्ण की । कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री चिराग बोथरा ने किया ।तेयुप अध्यक्ष श्री निर्मल बेंगवानी ने आभार व्यक्त किया। विजेता प्रतियोगियों को तेरापन्थ युवक परिषद द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गए।





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