15 अक्टूबर 2017-दिल्ली(शाहदरा सभा) 'शासन श्री' साध्वी श्री रविप्रभा जी के सानिध्य में अभातेयुप के निर्देशन में तेयुप द्वारा जैन संस्कार विधि से दीपावली-पूजन कार्यशाला का आयोजन किया गया । 'शासन श्री' साध्वी श्री रविप्रभा जी फ़रमाया--भारतीय संस्कृति में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाए जाते है। लौकिक व लोकोतर दो तरह के पर्व मनाते हैं । दीवाली लौकिक पर्व है,इस पर्व को अनेक प्रसंगो के माध्यम से लोग मनाते हैं । जैन धर्म मे भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाते है। गणाधिपति तुलसी ने जैन संस्कार विधि से मनाने के लिए अनेक उपक्रम दिए है ।अगर दीवाली जैन संस्कार विधि से मनाए तो भगवान महावीर के प्रति सच्ची अराधना हो सकेगी । साध्वी श्री पूर्णिमा श्री जी ने कहा-आचार्य तुलसी का स्वपन साकार करने व आडम्बर, दिखावा से बचे एवम अपनी संस्कृति,अपनी पहचान बनाने के लिए जैन संस्कार विधि को अवश्य अपनाए की प्रेरणा प्रदान की ।
जैन विधि के संस्कारक व उपासक श्री विमल गुनेचा ने दीपावली-पूजन विधि प्रैक्टिकल बताते हुए विस्तार पूर्वक समझाया व मंगल-पत्रक का उच्चारण सभी उपस्थित श्रावको से करवाया गया । सहसंस्कारक / ABTYP JTN श्री विनीत मालू ने सहयोगी की भूमिका अदा की । श्रावक-निष्ठा पत्र का वाचन श्री भानुप्रकाश बरड़िया द्वारा करवाया गया । सभी आगंतुकों का स्वागत तेयुप दिल्ली के मंत्री श्री प्रमोद संचेती ने किया । कार्यक्रम का आरम्भ पवन श्यामसुखा व सिद्धार्थ घोड़ावत के विजय गीत से हुआ। कार्यक्रम में ओसवाल समाज के संस्थापक अध्यक्ष श्री विजय राज सुराणा,दिल्ली सभा मंत्री श्री अशोक बैद, तेमम दिल्ली की मंत्री श्रीमति सरोज सिपानी, शाहदरा सभा उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल सिंघी व अन्य पदाधिकारी, अणुव्रत समिति दिल्ली के उपाध्यक्ष श्री शांतिलाल पटावरी, ओसवाल युथ क्लब के अध्यक्ष श्री विनय लिंगा व तेयुप के कार्यकर्ता व श्रावक-समाज की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन तेयुप क्षेत्रीय संयोजक श्री संजय संचेती व आभार व्यक्त अभातेयुप के सदस्य श्री जतन श्यामसुखा ने किया ।
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