समणी चरित्रप्रज्ञाजी के सानिध्य में "क्रोध पर काबू कैसे करें 'विषय पर कार्यशाला का आयोजन टाटिया हॉउस एथिराज सालै एग्मोर में किया गया। विषय को प्रतिपादित करते हुए समणी चरित्रप्रज्ञाजी ने फरमाया कि क्रोध प्रतिक्रिया का प्रवाह है, क्रोध एक तरह की ऊर्जा है। हमें क्रोध को नियंत्रित करना नहीं बल्कि इससे निपटना सीखना चाहिए। किसी व्यक्ति द्वारा कही गयी बुरी या गलत बात पर क्रोध के बजाय शांत रहने से समस्या ही नही रहेगी। इसके लिए दीर्घ श्वास प्रेक्षा के प्रयोग के साथ अन्य प्रयोग भी किये जा सकते हैं। अंग्रेजी के एंगर से पहले क्रोध रूपी डी लगा दिया जाए तो डेंजर बन जाता है और अंतिम अक्षर आर को हटा कर शांति रूपी एल लगा दिया जाए तो एंजेल यानी देवदूत बन जाता है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम अपने को डेंजर में रखना चाहते है या एंजेल बनना चाहते है।
कार्यक्रम की शुरुआत में समणीवृन्द का परिचय श्रीमती पूजा टाटिया ने दिया। प्रसिद्ध वक्ता श्रीमती अनिता चोपड़ा, बबिता चोपड़ा ने अपने विचार व्यक्त किये। आभार ज्ञापन श्रीमती जया टाटिया ने किया।लगभग 45 व्यक्तियों ने कार्यशाला में भाग लिया। तेयुप मंत्री श्री गजेंद्र खांटेड व सदस्य मनोज मूथा उपस्थित थे। श्री प्रवीण एवं दीपक टाटिया का विशेष सहयोग रहा।
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