नई दिल्लीः श्रमण भगवान महावीर स्वामी के पावन जन्म कल्याणक महोत्सव के सन्दर्भ में एक प्रतिनिधिमण्डल संसद सदस्य श्री दिलीप गांधी जी के नेतृत्व में देश के राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोविंद जी से 21 मार्च 2018 को राष्ट्रपति भवन में मिला। इस शिष्टमंडल में समाजरत्न श्री सुभाष ओसवाल जैन, श्री आॅल इंडिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन काॅन्फ्रेंस दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष श्री अतुल जैन, महामंत्री श्री जसवन्त जैन, भाजपा नेता व सहयोग दिल्ली के अध्यक्ष श्री मनोज जी जैन एवं तेरापंथ समाज के प्रतिष्ठित समाज सेवी श्री सुखराज जी सेठिया जैन आदि शामिल थे। शिष्टमंडल ने माननीय राष्ट्रपति जी को शाॅल व स्मृति प्रतीक ‘‘माँ मेरी माँ’’ पुस्तक देकर उनका अभिनन्दन किया।
समाजरत्न श्री सुभाष ओसवाल जैन ने राष्ट्रपति जी से चर्चा करते हुए बताया कि भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर और अहिंसा के अग्रदूत थे। जिनका जीवन त्याग-तपस्या से ओतप्रोत था। उन्होंने अपने जीवन काल में अहिंसा का भरपूर विकास किया। श्रमण भगवान महावीर स्वामी का जीवन ही उनका संदेश है। उनके सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय आदि उपदेश एक खुली किताब की तरह हैं।
माननीय राष्ट्रपति जी ने कहा कि ‘‘जैन धर्म के संदेशों ने हमारे जीवन को प्रभावित किया है। मैनें अपने जीवन में व्यक्तिगत स्तर पर अनेक जैन मुनियों के दर्शनों का लाभ लिया है। भगवान महावीर ने संसार में बढ़ती हिंसक सोच, अमानवीयता को शांत करने के लिए अहिंसा के जो उपदेश प्रसारित किए, उन उपदेशों को जानने-समझने के लिए कोई विशेष प्रयास की जरूरत नहीं। उन्होंने लोक कल्याण का मार्ग अपने आचार-विचार में लाकर ही धर्म प्रचार का कार्य किया। संपूर्ण विश्व में जियो और जीने दो का महान संदेश फैलाने वाले ऐसे महान तीर्थंकर महावीर के सदेंशो से ही विश्व में शांति सम्भव हो सकती है।’’ चर्चा के दौरान राष्ट्रपति जी ने कहा कि मैं प्रतिदिन सुबह पारस चैनल एवं ‘जिनवाणी चैनल पर जैन संतो ंके प्रवचनों लाभ लेता हूँ। मुझे उसमें बड़ा आनन्द भी आता है। जिसे सुनकर समस्त शिष्टमंडल गद्गद हो गया। साथ ही माननीय राष्ट्रपति जी ने जैन सांसद श्री दिलीप गांधी जी की कार्यशैली की प्रशंसा व सराहना भी किया। लगभग 20 मिनट का समय देकर राष्ट्रपति जी ने अनेक धार्मिक व सामाजिक विषयों पर चर्चा करके अपना मार्गदर्शन व चिन्तन शिष्टमंडल को प्रदान किया।
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