01.06.2018 गुन्टुर (आंध्रप्रदेश), JTN, जनमानस के मानस को सुन्दर, सरल, सहज और शांत बनाने के लिए अपनी अहिंसा यात्रा के साथ गतिमान जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें देदीप्यमान महासूर्य, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी शुक्रवार को अपनी धवल सेना संग गुन्टूर जिला मुख्यालय पर अपने मंगल चरण टिकाए तो मानों पूरा गुन्टूर ही मंगलमय हो गया। वातावरण में आध्यात्मिकता की सुगंध फैल गई तो प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में सद्भावना की लहरें उठती दिखाई देने लगीं। क्योंकि कहने को तो गुन्टूर में केवल जैन श्वेताम्बर तेरापंथ के आचार्यश्री आगमन हुआ, किन्तु उनके स्वागत में उपस्थित जनसमूह ने जैन-अजैन का भेद मिटाकर सद्भावना की भावना को चरित्रार्थ किया तो आचार्यश्री के तीन उद्देश्यों में प्रथम उद्देश्य सद्भावना की स्वतः स्थापना होती चली गई।
शुक्रवार की प्रातः यथाशीघ्र ही आचार्यश्री ने सेंट जोसेफ स्कूल से मंगल प्रस्थान किया तो कुछ उत्साही गुन्टूरवासी आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में उपस्थित हो चुके थे। बादलों के कारण गर्मी से लोगों को तो थोड़ी राहत मिल रही थी, लेकिन उमस अपना प्रभाव बनाए हुए थी। लोगों के वस्त्र पसीने से ऐसे भींगे हुए थे मानों जैसे वे सभी बरसात मंे भींग गए हों। ऐसी दम घुटा देने वाली गर्मी के बावजूद ज्योतिचरण बढ़ते रहे। आचार्यश्री गुन्टूर जिला मुख्यालय की सीमा में जैसे ही कदम रखा यहां के श्रद्धालुओं के हृदय में भावनाओं की तरंगे उठने लगीं। अपने आराध्य का अभिनन्दन स्वागत करते हुए वे अपने आराध्य के एक सुन्दर रैली के रूप में रूपांतरित हुए तथा अपने आराध्य के साथ चल पड़े। लोगों को दर्शन देते और पावन आशीष प्रदान करते आगे बढ़ते जा रहे थे। आचार्यश्री सुन्दर जुलूस के साथ गुन्टूर के नेलाचेर्रू स्थित श्री महावीर काॅलेज परिसर में पधारे।
कालेज परिसर में ही बने भव्य प्रवचन पंडाल में उपस्थित श्रद्धालुओं को आचार्यश्री ने अपने जीवन में आस्तिकवादी बनने की पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि नास्तिक विचारधारा में नहीं आस्तिकवादी बनकर जीवन को अच्छा बनाने का प्रयास करना चाहिए। आदमी को अपने कर्म को अच्छा बनाने का प्रयास करना चाहिए। आचार्यश्री ने गुन्टूरवासियों को अहिंसा यात्रा के तीनों उद्देश्यों के विषय में अवगति प्रदान कर लोगों को अहिंसा यात्रा के तीनों संकल्पों को स्वीकार करने का आह्वान किया तो उपस्थित जनसमूह ने सहर्ष स्वीकार किया।
महावीर काॅलेज के मंत्री श्री महावीर सालेचा ने आचार्यश्री का स्वागत करते हुए कहा कि आप जैसे महासंतों के आगमन और मंगलवाणी हम सभी को निरंतर प्राप्त हो तो हमारा कल्याण हो सकता है। तेरापंथ महिला मंडल ने स्वागत गीत का संगान किया। तेरापंथी सभाध्यक्ष श्री घिसूलाल अब्बानी व मंत्री तिलोकचंद छाजेड़ व श्रीमती अंजू साकलेचा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। गुन्टूर जिले के वाई.एस.आर. कांग्रेस पार्टी के नेता श्री खिलारी वेंकट रोसइया व श्री लवु कृष्णदेव राय भी आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में पहुंचे। आचार्यश्री से पावन पथदर्शन प्राप्त करने के उपरान्त नेताद्वय ने तेलगु भाषा में आचार्यश्री का स्वागत-अभिनन्दन भी किया।
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