ज्योतिचरण से पावन हुआ पल्लावरम्, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
भव्य स्वागत जुलूस के महातपस्वी ससंघ पहुंचे केन्टोमेंट हायर सेकेण्ड्री स्कूल
त्याग-संयम की साधना की दी पावन प्रेरणा, पल्लावरम्वासियों ने भी दी हर्षाभिव्यक्ति
14.07.2018 पल्लावरम्, चेन्नई (तमिलनाडु), JTN, आदमी को अपनी जिन्दगी में त्याग-संयम रखने का प्रयास करना चाहिए। त्याग जीवन को सुखी बनाने वाला होता है। संवर की साधना के द्वारा आदमी को मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है। उक्त ज्ञान की बातें जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम देदीप्यमान महासूर्य आचार्यश्री महाश्रमणजी ने शनिवार को चेन्नई महानगर के पल्लावरम् में स्थित केन्टोमेंट हायर सेकेण्ड्री स्कूल परिसर में उपस्थित सैंकड़ों श्रद्धालुओं को बताईं।
अपनी धवल सेना के साथ अहिंसा यात्रा लेकर पहली बार दक्षिण भारत की धरती पर उदित हुए तेरापंथ धर्मसंघ के महासूर्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के ज्ञान रश्मियों के आलोक से पूरा दक्षिण भारत आलोकित हो रहा है। वर्तमान में चेन्नई महानगर को अपनी ज्ञान के आलोक बांट रहे आचार्यश्री महाश्रमणजी विभिन्न उपनगरों की अति श्रमशील यात्रा कर रहे हैं। आचार्यश्री का यह श्रम न केवल जैन अपितु अन्य जैन एवं जैनेतर लोगों को प्रभावित करने वाली है। शनिवार को आचार्यश्री सैदापेट से लगभग बारह किलोमीटर का प्रलंब विहार कर पल्लावरम् की सीमा में पधारे तो मानों पल्लावरमवासियों का भाग्योदय हो उठा। उनकी मुखाकृति पर एक विशेष ही चमक नजर आ रही थी। वर्षों की प्रतीक्षा के बाद पधारे अपने आराध्य के स्वागत में विशाल जनसमूह उमड़ पड़ा। सभी पर समान रूप से आशीषवृष्टि करते हुए आचार्यश्री भव्य जुलूस के साथ पल्लावरम् स्थित केन्टोमेंट हायर सेकेण्ड्री स्कूल में पधारे।
विद्यालय परिसर में आयोजित मुख्य मंगल प्रवचन में आचार्यश्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को आचार्यश्री ने संवर के संबंध में पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि आदमी को चलने में भी सावधानी रखने का प्रयास करना चाहिए। पूर्णरूप से जागरूकता के साथ चलने से आदमी हिंसा से भी अपना बचाव कर सकता है। तेज गति में दुर्घटना की संभावना अधिक होती है। आदमी को धर्म-ध्यान में भी समय लगाने का प्रयास करना चाहिए। सुबह के समय धार्मिक ग्रंथ, साहित्य, व्याख्यान आदि में लगाने का प्रयास करना चाहिए। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पल्लावरम्वासियों को अहिंसा यात्रा की अवगति प्रदान कर संकल्पत्रयी स्वीकार करने का आह्वान किया तो पल्लावरम्वासियों ने उसे सहर्ष स्वीकार किया।
मुख्यनियोजिकाजी ने भी श्रद्धालुओं को अपना संबोध प्रदान किया। अपने जन्मभूमि पर अपने आराध्य का सर्वप्रथम स्वागत करने का अवसर साध्वी तन्मयप्रभाजी को मिला। उन्होंने अपने आराध्य के प्रति अपनी आस्थासिक्त भावाभिव्यक्ति दी। इसके उपरान्त मुनि अमृतकुमारजी ने भी आचार्यश्री के समक्ष अपनी भावाभिव्यक्ति दी। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट, पल्लावरम् के अध्यक्ष श्री नवीन कोठारी, महिला मंडल अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका कटारिया, श्रीमती समता बोहरा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। दीक्षार्थी मुमुक्षु प्रज्ञा ने भी अपने आराध्य का अभिनन्दन किया। महिला मंडल की सदस्याओं ने स्वागत गीत का संगान किया। पल्लावरम् ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने विभिन्न भाषाओं में अपने आराध्य के गुणों का गुणगान किया। कन्या मंडल ने भी गीत के द्वारा अपने आराध्य की अभ्यर्थना की। कार्यक्रम के दौरान आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में पहुंचे साउथ चेन्नई के पूर्व सासंद श्री राजेन्द्रन व असिस्टेंट कमिश्नर श्री देवराज ने दर्शन कर पावन आशीष प्राप्त की। श्रीमती रेखा मरलेचा द्वारा गाए गीतों की सीडी 'वन्दन के स्वर' को आचार्यश्री के चरणों में समर्पित किया गया।
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